मधेपुरा: रैयती जमीन पर जबरन दलितों द्वारा कब्जा करने को लोगों में आक्रोश है. बता दें मधेपुरा जिले के मुरलीगंज अंचल अंतर्गत पड़वा नवटोल गांव में 98 एकड़ जमीन को लेकर रैयती जमीनदार और दलितों के बीच दशकों से विवाद चल रहा है.
पर्चा रद्द करने के लिए परिवाद दायर
बता दें तत्कालीन डीएम केपी रमैया ने अपने कार्यकाल 1992 में गलत तरीके से उक्त 98 एकड़ रैयती जमीनका 74 महादलितों के बीच पर्चा देकर बांट दिया था. इसके बाद पीड़ित रैयती जमीनदार ने उच्च न्यायालय में पर्चा रद्द करने के लिए परिवाद दायर किया. उच्च न्यायालय ने 1994 में डीएम के द्वारा गलत तरीके से रैयती जमीन दलितों के बीच बांटे जाने को अवैध मानते हुए पर्चा को रद्द कर दिया और तत्कालीन डीएम केपी रमैया पर 25 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना भी ठोका था.