बिहार

bihar

ETV Bharat / state

मकर संक्रांति को लेकर सजे लखीसराय के बाजार, कारीगरों ने बताई मशहूर तिलकुट बनाने की विधि - etv bihar news

लखीसराय की मशहूर तिलकुट ( Famous Tilkut of Lakhisarai ) की सोंधी महक प्रदेश के दूसरे जिलों में भी फैल रही है. शहर के बाजार तिलकुट की खुशबू से गुलजार हैं. बड़ी संख्या में दुकानें तिलकुट से सजी हुई हैं. यहां की तिलकुट अन्य जिलों में भी भेजी जा रही है. पढ़ें पूरी खबर..

लखीसराय में तिलकुट की बिक्री बढ़ी
लखीसराय में तिलकुट की बिक्री बढ़ी

By

Published : Jan 9, 2022, 6:02 PM IST

लखीसराय:मकर संक्रांति में अब महज कुछ दिन बचे हैं. ऐसे में बिहार के लखीसराय की मशहूर तिलकुट मांग ( Lakhisarai Tilkut Market For Makar Sakranti ) बढ़ गई है. शहर के मुख्य बाजारों समेत अन्य चौक चौराहों पर तिलकुट की दुकानें सज चुकी हैं. यहां लोग अपने घर से लेकर अपने सगे संबंधी परिवारों के घर तक दही, चूड़ा, जिले की मशहूर तिलकुट पहुंचाने के काम में जुट गये हैं.


जिले में मकर संक्रांति पर्व का असर दिखने लगा हैं. जहां लोग अपने घर से लेकर अपने सगे संबंधित परिवार वालों के घर दही, चूड़ा, तिलकुट और तिलवा सहित घी और ( Demand of Tilkut in Lakhisarai ) धेवर पहुंचा रहे हैं. मकर संक्रांति नजदीक आते ही कारीगरों द्वारा तिलकुट बनाने का काम जोरों पर चल रहा है. शहर के बाजार में तिल कुटाई का काम जोर शोर से चल रहा है. सभी दुकानों में कारीगर पूरे दिन बैठकर तिलकुट तैयार कर रहे हैं. मकर संक्रांति के दिन सामान कम न पड़ जाए. यहां नवादा, गया, देवघर सहित अन्य जिलों से तिलकुट बनाने करीगर लखीसराय आते हैं.

देखें वीडियो

इसे भी पढ़ें : बाजारों में महकने लगी तिलकुट की सौंधी खुशबू, दुकानों पर सहसा ही चले आ रहे हैं लोग

कारीगरों ने बताया कि, तिलकुट हर प्रकार के डिजाइन का बनाया जाता है. जिसे तैयार करने में तिल और गुड़ और अन्य सामानों की जरूरत होती है. पटना या गया से जहां तिल की अच्छी खेती होती है. वहां से साफ-सुथरा तिल लाया जाता है. जिससे पूरा तिलकुट बहुत ही खास्ता होता है. दिन भर में 20 किलो तिलकुट हमलोग तैयार कर लेते हैं. हालांकि दूसरी और बाजारों में भीड़ भाड़ तिलकुट खरीदने को लेकर देखी गई है. यहीं नहीं, लखीसराय के रेलवे स्टेशन पर भी यात्री अपने परिवार सभी संबंधित यहां तिलकुट ले जाते दिखे.



इस संबंध में दुकानदार अमित कुमार ने बताया कि, अपने जिले के अलावा अन्य जिलों में खास्ता का तिलकुट घीबर और तिलवा ले जाया जाता है ताकि लोग मकर संक्रांति पर्व में को बड़े अच्छे से मनाते हैं. यहां की तिलकुट को लोग अन्य शहरों में भी ले आते हैं. तिलकुट खरीद कर बेचे भी जाते हैं. जबकि यात्री रवि कुमार ने बताया कि, यहां से तिलकुट खरीदकर अपने सगे संबंधित के यहां ले जाते हैं. कोलकाता- दिल्ली और अन्य जिलों में भी ले जाया जाता है.

ये भी पढ़ें-मोतिहारी: पोस्ट ऑफिस बेच रहा है गया का तिलकुट, लोगों में है काफी डिमांड


बता दें कि मकर संक्रांति पर चूरा दही गुड़ के साथ साथ तिलकुट की बहुत ही डिमांड होती है. मंडी में तिल कुटाई का काम जोर-शोर से चल रहा है. नवंबर महीने से ही दुकानदार तिलकुट बनाने के काम में जुट गये हैं और फरवरी महीने तक बाजार में रौनक बनी रहेगी. हालांकि, कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही सरकार के निर्देशानुसार रात्रि 8 बजे तक ही दुकान खुली रहेगी, ऐसे में अब देखना होगा कि दुकानदारों पर इसका कितना असर पड़ता है. लेकिन, दुकानदार उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पिछले साल से इस बार मार्केट अच्छा रहेगा, इसलिए तिलकुट बनाकर स्टॉक करने में जुटे हुए हैं.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP

ABOUT THE AUTHOR

...view details