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शिक्षकों ने CM नीतीश के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- चुनाव में हिटलरशाही का मिलेगा जवाब - Vote boycott

शिक्षकों ने नीतीश कुमार पर तानाशाही रवैये का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने बताया कि वित्त रहित शिक्षा नीति को खत्म करने वाले नेता की जरूरत है.

विरोध प्रदर्शन

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Published : Apr 25, 2019, 1:20 PM IST

लखीसरायः सीएम के रवैये से आहत जिले के सैकड़ों शिक्षकों ने वोट का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. नाराज शिक्षकों ने सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मालूम हो कि बीते दिनों नीतीश कुमार ने हलसी की चुनावी सभा में वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने का बैनर दिखाने वाले शिक्षकों को जमकर लताड़ा था.

शिक्षकों ने नीतीश कुमार पर तानाशाही रवैये का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने बताया कि वित्त रहित शिक्षा नीति को खत्म करने वाले नेता की जरूरत है. बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के खिलाफ वोट करेंगे. साथ ही बिहार की सभी जगहों पर घूम-घूमकर वोट का बहिष्कार करेंगे.

विरोध प्रदर्शन करते शिक्षक

'हो रहा है शिक्षकों का अपमान'
प्रदर्शन कर रहे एस के कॉलेज के प्राचार्य कमलकांत ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जिस तरह वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त करने के मुद्दे पर शिक्षकों के साथ बदसलूकी की, वह एक तानाशाह की भाषा है, हिटलर और मुसोलिनी की भाषा है. जिस तरह से वित्त रहित शिक्षकों की बेइज्जती की गई है, गुस्से में लताड़ा गया है. मैं इसकी घोर निंदा करता हूं. उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाने में हमारी पूरी उम्र बीत जाती है फिर भी हमें सम्मानजनक वेतन नहीं मिलता है. सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है, लेकिन सरकार हमें ही बेइज्जत कर रही है.

क्या बोली शिक्षिका
वित्त रहित शिक्षिका शोभा कुमारी ने कहा कि यहां सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वित्त रहित शिक्षा नीति को समाप्त नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री द्वारा शिक्षकों के खिलाफ जिस तरह से वक्तव्य दिया गया, मैं इसकी निंदा करती हूं. यह शिक्षकों का आपमान है. एक तरफ 'डिग्री लाओ, नौकरी पाओ' कहकर शिक्षा को चौपट कर दिया गया. वहीं, जो योग्य शिक्षक कॉलेज में पढ़ा रहे हैं, उन्हें डांटते फटकारते हैं. अब देश हित के बारे में सोचने वाले जनप्रतिनिधियों का चुनाव करना चाहिए.

'भुगतना पड़ेगा खामियाजा'
शिक्षक मो. रिजवान खान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वित्त रहित शिक्षा को समाप्त करने की पहल के बजाए उल्टे शिक्षकों को ही बेइज्जत कर रहे हैं. भेदभाव के बिना शिक्षा देने वाले शिक्षक को समान काम, समान वेतन देने वाली सरकार चाहिए. अपने संकल्प और वादों पर खरा उतरने वाले उम्मीदवार का ही लोग चयन करें. तभी देश का विकास होगा.

वहीं, प्रोफेसर अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वित्त रहित शिक्षा नीति का बैनर दिखाने वालों पर जिस तरह से हिटलर शाही दिखाई, इसका खामियाजा उन्हें लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा.

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