लखीसराय: जिले में बाढ़ पीड़ितों को सहायता नहीं मिलने से नाराज लोगों ने जिला समाहरणालय पर धरना प्रदर्शन किया है. पिपरिया पंचायत के बाढ़ पीड़ितों के समर्थन में वाम मोर्चा के कार्यकर्ता एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन पर बैठे. इसका नेतृत्व सीपीएम लीडर मोती साह ने किया.
बता दें कि जिले के पिपरिया ग्राम पंचायत के बाढ़ प्रभावितों को सरकार की तरफ से राहत देने की घोषणा की गई थी. लेकिन लोगों का आरोप है कि राहत सामग्री केवल कागजों पर बांटी गई. जिससे गुस्साए बाढ़ पीड़ितों ने मंगलवार को जिला मुख्यालय के सामने आक्रोश पूर्ण धरना प्रदर्शन किया.
राहत राशि से वंचित हैं बाढ़ प्रभावित
गौरतलब है कि पिपरिया प्रखंड के लगभग 25 हजार परिवार बाढ़ प्रभावित है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का आकलन करने के बाद सीओ नीरज कुमार सिंह, एसडीएम मुरली प्रसाद सिंह और डीसीएलआर नीरज कुमार ने डाटाबेस तैयार करने का प्लान भी तैयार किया था. सभी पीड़ित परिवारों को छह हजार रुपए प्रति परिवार की दर से राशि का भुगतान सीधे खाता में राज्य मुख्यालय की तरफ से भेजे जाने की बात कही गई. लेकिन अब तक बाढ़ पीड़ितों को लाभ नहीं मिल सका.
जिला समाहरणालय पर धरना प्रदर्शन करते बाढ़ पीड़ित यह भी पढ़ेंः कैबिनेट बैठक में 10 एजेंडों पर मुहर, भवन निर्माण समेत कई विभागों में 1532 पदों पर होगी भर्ती
सीपीएम नेता ने खानापूर्ति का लगाया आरोप
जिला प्रशासन ने सैदपुरा पंचायत के रहाटपुर, रामचंद्रपुर पंचायत, पिपरिया के बसौना, डीह पिपरिया, कन्हरपुर और पथुआ की आबादी को पूर्ण रुप से बाढ़ प्रभावित माना है. वहीं वलीपुर पंचायत के बाढ़ प्रभावित टोला और वार्ड को भी चिन्हित किया गया है. बाढ़ से प्रभावित किसानों के फसल क्षति का मुआवजा कृषि विभाग करेगी. डीएम ने फसल क्षति का डाटा बनाने का निर्देश दिया है. वहीं, सीपीएम जिला सचिव मोती साह का कहना है कि पिपरिया पंचायत के बाढ़ प्रभावित लोगों को सरकारी सहायता की खानापूर्ति की गई है.