लखीसराय: बिहार के लखीसराय मंडल कारा में बंद एक कैदी की मौत (Prisoner Died In Lakhisarai) हो गयी. उसकी तबीयत जेल में बिगड़ने के बाद इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मृत कैदी की पहचान दामोदरपुर निवासी लखन मंडल पिता जगदीश मंडल के रूप में हुई है. वह हत्या के मामले में जेल में बंद था. मृत कैदी के परिजनों का आरोप है कि उसकी तबीयत बिगड़ने की सूचना काफी देर से गयी. वहीं अस्पताल में भर्ती कराने में भी काफी देरी की गयी है. जिस वजह से उसकी मौत हो गयी.
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कैदी की जेल में बिगड़ी तबीयत:जानकारी के अनुसार जिले के दामोदरपुर निवासी लखन मंडल वर्ष 2018 से जेल में बंद था. उस पर मारपीट के दौरान हत्या का मामला चल रहा था. कुछ दिन पहले उसकी तबीयत बिगड़ गयी. जिसके बाद जेल में ही उसका इलाज चल रहा थी. इसी बीच उसकी तबीयत और बिगड़ गयी. ऐसे में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गयी. मौत की खबर मिलते ही कैदी के परिजन बवाल मचाने लगे और शव को अस्पताल के समीप सड़क पर रख यातायात बाधित कर दिया.
जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप:परिजनों का आरोप है कि जेल प्रशासन ने तबीयत खराब होने की सूचना काफी देरी से दी है. साथ ही तबीयत अधिक खराब होने के बावजूद इलाज के लिए अस्पताल देरी से लाया गया. सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने भी ठीक ढंग से इलाज नहीं किया. जिस कारण कैदी की मौत हो गयी है. इधर, हंगामा की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गयी और हंगामा कर रहे परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया. इसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
परिजनों को जेल में मौत होने की आशंका:मृत कैदी के परिजनों का यह भी आरोप है कि जेल प्रशासन ने अस्पताल में इलाज कराने का नाटक किया है. जबकि उसकी मौत जेल में ही हो गयी थी. हालांकि, इन आरोपों को जेल प्रशासन ने खारिज किया है. उनका कहना है कि कैदी की मौत इलाज के क्रम मे अस्पताल में हुई है. उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
"कैदी की मौत अस्पताल में हुई है. वह मंडल कारा में वर्ष 2018 से ही बंद था. दामोदरपुर गांव के लखन महतो की पड़ोसी गनो महतो से मारपीट हुई थी. जिसमें पड़ोसी की मौत हो गयी. तब से आज तक जेल में बंद था. हाईकोर्ट में बेल के लिए अप्लाई किया गया था. आजकल मे जेल से रिहाई होने वाली थी. लेकिन तबीयत बिगड़ने के कारण इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मौत हो गयी"-सैयद इमरान मसूद, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी
"मेरे भैसुर की मौत की खबर जेल प्रशासन ने नहीं दिया. जेल में ही मौत होने के बाद जेल प्रशासन सदर अस्पताल लेकर आई है. हमलोगों के पहुंचने से पहले ही हमारे परिजन की मौत हो गयी थी"-उर्मिला कुमारी, मृतक की परिजन