लखीसरायः जिले में पीरीबाजार थाना क्षेत्र की अधिकांश ग्रामीण सड़कें जर्जर हो चुकी हैं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वारा निर्मित सड़कों की हालत बद से बदतर हो गई है.जिस कारण इन सड़कों पर चलने में राहगीरों को काफी मुश्किलों का समाना करना पड़ रहा है.
सड़कों को बनाते समय नहीं रखा गया गुणवत्ता ध्यान
गांवों में कच्ची सड़कों को पक्की सड़क में तब्दील करके उसे मुख्य मार्गों से जोड़ने की सरकार की मुहिम ने गांवों की तस्वीर बदल दिया है. लेकिन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बनी अधिकांश सड़कों को संवेदक और अधिकारियों की मिलीभगत से गुणवत्ता का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया. जिसके कारण ये सड़कें साल भर के अंदर ही सड़कें टूटने लगीं. अब ग्रामीण आबादी को मुख्य मार्ग से जोड़ने की योजना का सच सामने आने लगा है.
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ग्राम योजना में बनी सड़के खस्ताहाल गारंटी अवधि में ही सड़कें हुईं जर्जर
सूर्यगढ़ा विधानसभा के अंतर्गत मिल्की-अभयपुर सड़क और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के द्वारा निर्मित पीरीबाजार-लहसोरबा सड़क की अधिकतर सड़कें गारंटी अवधि में ही खस्ताहाल हो चुकी हैं. प्रशासन की मिलीभगत से ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए निम्नस्तर की सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया था. यही नहीं पहाड़ के किनारे होने के कारण किनारे से मोरंग काटकर सड़क निर्माण किया गया था. ये सभी सड़कें गारंटी अवधि में ही जर्जर होती जा रही हैं. मौके पर अधिकारी निर्माण कार्य का निरीक्षण करने तक नहीं पहुंचते हैं. जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. पीरीबाजार से लहसोरबा गांव को जाने वाली सड़क की हालत बद से बदतर हो गई है. सड़क बनने के बाद किसी ने झांका तक नहीं.
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ग्राम योजना में बनी सड़के खस्ताहाल बोर्ड पर नहीं दर्शाया गया कार्य का विवरण
संवेदक और अधिकारियों की साठं-गांठ के कारण पीरीबाजार थाने के पास लगाए गए बोर्ड में अब तक प्राक्कलन राशि, कार्य संपन्न होने की तिथि आदि अभी तक अंकित नहीं की गई है. जिससे स्पष्ट होता है कि गबन के नियति से सड़क निर्माण लागत और अन्य जानकारियों को दर्शाया नहीं गया है. जबकि किसी भी सरकारी योजना से कार्यान्वित कार्य से पहले योजना की सारी जानकारी बोर्ड पर अंकित करना अनिवार्य होता है. वहीं स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी से सड़क मरम्मत कराने की मांग की है.