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लखीसराय: सुखाड़ से जूझ रहे किसानों ने लगाई गुहार, सरकार बोली- 15 अगस्त के बाद करेंगे समीक्षा

लखीसराय में सुखाड़ जैसे हालात बन गए हैं. किऊल-लोअर नहर में पानी का स्टॉक नहीं है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने 15 अगस्त तक हालात पर नजर रखने की बात कही. बारिश नहीं होने पर जिले को सुखाग्रस्त घोषित किया जा सकता है.

जल संसाधन मंत्री संजय कुमार

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Published : Aug 4, 2019, 2:12 PM IST

लखीसराय: बिहार में बाढ़ और सुखाड़ से दो अलग-अलग इलाके प्रभावित हैं. दक्षिण बिहार के कई इलाके पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं, जिसका असर धान की खेती पर हो रहा है. सुखाड़ का जायजा लेने पहुंचे जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने अहले सुबह ईटीवी भारत से इस संबंध में खास बातचीत की.

जेडीयू कार्यकर्ताओं से परिचर्चा करते मंत्री संजय झा

जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने ईटीवी भारत को बताया कि जिले में बारिश कम हुई है. मौसम विभाग का अनुमान है कि जल्द ही बारिश होगी. सुखाड़ की स्थिति में उनका विभाग सक्रिय है. विभाग की तरफ से कई इलाकों में पानी पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने के सवाल पर विभागीय मंत्री ने कहा कि यह अभी संभव नहीं है. बिहार में लगभग 15 अगस्त तक धान की रोपनी होती है. 15 अगस्त के बाद विभाग की तरफ से समीक्षा की जायेगी. बारिश नहीं होने पर जिले को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की जायेगी. हालांकि ऐसे हालात उत्पन्न होने से उन्होंने इनकार किया, जिले में बारिश होने के अनुमान हैं.

निरीक्षण पर निकलते संजय झा

किऊल-लोअर में पानी का स्टॉक नहीं
दरअसल मंत्री जिले के रामगढ़ चौक, हलसी और चानन प्रखंड के अलग-अलग इलाकों के हालात का जायजा लेने पहुंचे थे. निरीक्षण के बाद कहा, यहां बारिश नहीं हुई. दूसरी तरफ किऊल-लोअर नहर में पानी का स्टॉक नहीं है. इस पर खेद जताते हुए कहा कि किसानों को नहर से समुचित पानी नहीं दिया जा सका. इस संदर्भ में कृषि और जल संसाधन विभाग से संज्ञान लेने की बात कही.

ईटीवी भारत को सुखाड़ पर जानकारी देते मंत्री संजय झा

हालात पर सरकार रख रही नजर
जिला अतिथि गृह में मंत्री संजय झा ने स्थानीय जडीयू कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. उनके साथ सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार भी मौजूद रहे. कार्यकर्त्ताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. आगामी 15-16 अगस्त के बीच बारिश होने की संभावना है. इससे यहां के किसानों को खेती में मदद मिलेगी. जिन इलाकों में कम बारिश हुई है उस पर सरकार नजर रख रही है.

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