लखीसराय: बिहार में मध निषेध लागू होने के बाद इस साल वित्तीय वर्ष 2020 में काफी संघर्षशील होते हुए भी बड़ी उपलब्धि हासिल की है. जिसमें कई लोगों को मध निषेध कानून नियम के तहत जेल भेजा गया. वहीं, शराब तस्करों के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया गया. जहां तस्करों पर कार्रवाई करते हुं नशाखोरी को बंद करने की कोशिश जारी है.
वर्ष 2020 में बिहार सरकार के द्वारा लागू नियम के विरुद्ध अब तक शहर में 7 प्रखंडों में उत्पाद विभाग की बड़ी कार्रवाई की है. आंकड़े की बात करें तो इस साल में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. जिसकी आखिरी साल की बात करें तो कुछ इस प्रकार सफलता हाथ आई है.
'पाताल' से शराब का जखीरा बरामद
लखीसराय जिले के 15 किलोमीटर दूर जौक्मेला गांव के लोग शराब बनाने और बेचने के नाम से विख्यात है. इस जगह से पुलिस और उत्पाद विभाग के एक एक अधिकारी इस गांव से अवगत है. अगर सरकारी रिकॉर्ड को भी देखा जाय तो इस गांव का नाम सबसे पहले होता है, जहां शराब बंदी के बाद भी लोग शराब बेचने का काम करते हैं. सूचना के बाद उत्पाद विभाग और पुलिस ने जमीन के नीचे छिपा रखी महुआ शराब बरामद की.
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हजारों लीटर महुआ शराब और जावा को किया नष्ट
चानन प्रखंड में वैसे तो हर दिन महुआ और जावा का खरीद ब्रिकी होती थी. लोग शराब पीने काली पहाड़ी जाते थे. जंगल के कारण शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में मुश्किल होती थी. इस बार चानन के झार जंगल में छापेमारी की गयी. जिसमें इस वर्ष करीब हजारों लीटर महुआ शराब और जावा को नष्ट किया गया.
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बीते दिनों में कजरा जंगल में उत्पाद विभाग के आलाधिकारी और स्थानीय कजरा पुलिस के सहयोग से विभिन्न जगहों पर छापेमारी की गई. इस छापेमारी के दरम्यान कुल 40 लीटर चुलाई शराब, 1050 किलो जावा महुआ घटना स्थल पर ही नष्ट किया गया. इसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. जिसमें कजरा थाना में मुकदमा दर्ज करके दो लोगों को जेल भेज दिया गया.