लखीसराय: जिला मुख्यालय से महज आधा किलोमीटर दूर लाल पहाड़ी स्थित है. इस लाल पहाड़ी की खासियत के कारण लोग दूर-दूर से इसे देखने आते हैं. कहा जाता है कि राजा पालवंशी की नगरी का यह हिस्सा हुआ करता था, जिसे क्रिमला के नाम से भी जाना जाता है. यहां से अब तक कई प्राचीनकालीन मूर्तियां (Archaeological Excavations In Lakhisarai) मिल चुकी हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस स्थान की खुदाई का काम तीन साल पहले शुरू कराया था, जिसपर अब विराम लग चुका है.
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इस पहाड़ी को लेकर कई कहानियां और रहस्यों (mystery of lal pahari ) का जिक्र स्थानीय लोग करते हैं. इसमें प्राचीन मूर्तियों का भी जिक्र है. इस लाल पहाड़ी पर कई रानियों के रहने की बात भी कही जाती है. इतिहास के पन्नों पर भी इसका जिक्र है. इसी को लेकर विगत 4 साल पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लाल पहाड़ी पर खुदाई का काम शुरू करवाया था. लाल पहाड़ी की खुदाई का काम 25 नवंबर, 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शुरू करवाया था. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से लाइसेंस प्राप्त करने और 2017 में बिहार सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने के बाद बिहार में 3 साल के अंदर पूरी की गई पहली खुदाई परियोजना थी.
"यह राजा पाल की नगरी है. यहां पर बहुत सारी धरोहर मूर्तियां हैं. हम सभी लाल पहाड़ी घूमने आए थे. हालांकि सरकारी उदासीनता का शिकार होने के कारण इस स्थान की महत्ता को समझने में लोगों को परेशानी जरूर हो रही है. सब कुछ पेड़ पौधों से ढक चुका है. हालांकि कुछ नक्काशी और प्राचीन मूर्तियां देखने को मिली, इसलिए मुझे बहुत अच्छा लगा रहा है."- आरती, पर्यटक
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लाल पहाड़ी की खुदाई कर कई प्राचीन मूर्तियों के साथ-साथ कई अद्भुत भगवान की मूर्तियां (Buddhist monastery in lal pahari Lakhisarai ) भी मिली थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने लाल पहाड़ी पर पहुंचकर अद्भुत प्राचीन मूर्तियों का अवलोकन कर विशेष जानकारी हासिल की थी. यही नहीं इसकी खुदाई में करीबन करोड़ों रुपए भी पर्यटक स्थल विभाग ने खर्च किए थे. खुदाई में मिले पत्थरों की मूर्तियों को विभिन्न संग्रहालय में भेज दिया गया है. इसके बाद से इस स्थान की खुदाई विराम अवस्था में है.