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किशनगंज: रमजान नदी का जलस्तर बढ़ने से रिहायशी इलाकों में घुसा पानी, लोगों की बढ़ी परेशानी - negligence

रमजान नदी में जलकुंभी और गंदगी के कारण पानी का निकास नहीं हो पा रहा है. जिस कारण शहर के निचले हिस्से में पानी घुस गया है.

जनजीवन ठप

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Published : Jul 15, 2019, 11:52 PM IST

किशनगंज: जिले के शहरी क्षेत्रों में रमजान नदी ऊफान पर है. जिस कारण पानी कई मोहल्लों में घुस गया है. शहर में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. लोग अपना आशियाना छोड़कर सड़क पर आ गये हैं. शहर के बीचों-बीच बहने वाली रमजान नदी में अचानक पानी बढ़ जाने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जन जीवन बाधित हो गया है.

रमजान नदी में जलकुंभी और गंदगी के कारण पानी का निकास नहीं हो पा रहा है. जिस कारण शहर के निचले हिस्से में पानी घुस गया है. स्थानीय लोगों ने रमजान नदी में कचरा फेंककर उसे बीमार कर दिया है. नतीजतन, शहर के भू माफिया इस नदी के आसपास की जमीन पर अवैध कब्जा कर बैठे हैं.

जेसीबी से की गई सफाई

क्या है स्थानीय लोगों की राय?
प्रशासनिक अनदेखी के अभाव में किशनगंज की रमजान नदी मृतप्राय हो चुकी है. फिलहाल, भारी बरसात के कारण रमजान नदी ने अपने विकराल रूप में है. वहीं, कुछ लोगों का कहना है अब जरूरत है रमजान नदी की सफाई कर उसे भू-माफियाओं से आजाद करने की. अन्यथा, हर साल इसी परेशानी से गुजरना पड़ेगा.

जन जीवन ठप

नगर परिषद अधिकारी का बयान
नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मंजूर आलम ने बताया कि रमजान नदी में जलकुंभी भर गई है. जिसकी सफाई जेसीबी व मैनुअल रुप से कराई जा रही है. जलकुंभी को निकालते ही निकासी होने लगेगी. फिर अपने आप ही शहर के निचले हिस्से में जमा पानी निकल जायेगा.

सामान का नुकसान

जेसीबी से होती सफाई देखने पहुंचे लोग
वहीं, सोमवार को चुड़ीपट्टी व धोबिपट्टी ब्रिज पर नगर परिषद के कर्मचारी जेसीबी मशीन लगाकर सफाई करने में जुटे थे. जिस कारण शहर में जाम की स्थिति बन गई. लोग भारी संख्या में जुटे. लेकिन, स्थानीय लोगों का कहना है जो काम अब किया गया वह समय रहते नगर परिषद ने कर लिया होता तो आज शहर मे बाढ़ जैसी स्थिति नहीं होती.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सोमवार को भी हुई तेज बारिश
बता दें कि सोमवार शाम को फिर एक बार फिर मौसम बदला. जिसके बाद घंटों तक मूसलाधार बारिश हुई. वहीं, जिला आपदा विभाग ने 14 जुलाई तक जिले के 38 पंचायतों को बाढ़ प्रभावित पंचायत घोषित किया है. जिसमें पूर्ण बाढ़ प्रभावित 5 पंचायत और आशिंक बाढ़ प्रभावित 33 पंचायत शामिल हैं. साथ ही जिले में 16 बाढ़ राहत शिविर चलाया जा रहा है. जिला आपदा विभाग ने बाढ़ से एक व्यक्ति के मौत की पुष्टि की है. जबकि ग्रामीण 4 की मौत बता रहे हैं.

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