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बिहार में इन्वेस्टमेंट करनेवाले NRI की हालत खराब, मायूस होकर बोले- ऐसे में नहीं चल पाएगी फैक्ट्री

हर रोज बिजली की आंख मिचौली से चाय फैक्ट्री को चलाना मुश्किल हो रहा है. जिले की बजरंगबली टी-फैक्ट्री, आरबीटी फैक्ट्री और अभय टी-फैक्ट्री समेत कई फैक्ट्री के मालिक परेशान हैं.

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Published : Jul 2, 2019, 2:04 PM IST

Updated : Jul 2, 2019, 8:06 PM IST

चाय फैक्ट्री और बगान

किशनगंजः दूर-दूर तक फैली चाय की हरी-भरी पत्तियों का बागान और उनकी खुशबू लोगों को अपनी और आकर्षित कर लेती है. बिहार के जिला किशनगंज में चाय के बगान की खुशबू ने कई एनआरआई को यहां खीचा और उन्होंने यहां चाय की फैक्ट्री लगाई. लेकिन इन उद्योगपतियों को यह उद्योग रास नहीं आया. जिले में बिजली की खराब व्यवस्था से ये निराश हैं. बिजली नहीं मिलने के कारण जिले की तकरीबन10 चाय फैक्ट्री अब बंद होने के कगार पर है. पेश है किशनगंज से खास रिपोर्ट.

बंद हो जाएगी 10 चाय की फैक्ट्री
यूं तो पहले से ही बिहार में उद्योग की कमी रही है. बचे-खुचे उद्योग भी अब बंद होने के कगार पर हैं. यह सुशासन बाबू की बिजली का कमाल है. उनका कहना था कि घर-घर बिजली देंगे. लेकिन ये काफी हद तक नहीं हो सका. चाय को उद्योग बिजली नहीं मिलने से बिहार के एक मात्र जिला किशनगंज के 10 चाय फैक्ट्री अब बंद होने के कगार पर है. वहीं, कई उद्योगपति बिहार में अपनी फैक्ट्री में ताला लगाकर पलायन करने को विवश हैं.

चाय फैक्ट्री

क्या है फैक्ट्री मालिकों का कहना
आम लोगों को 15 से 16 घंटों बिजली तो मिल ही जाती है. लेकिन उद्योगपति वोटरों की संख्या शायद बहुत कम है. इसलिए सरकार का उनकी ओर कोई ध्यान नहीं जाता है. फैक्ट्री मालिकों का कहना है कि हल्की बारिश और हवा होते ही बिजली विभाग द्वारा बिजली काट दी जाती है. हर रोज बिजली की आंख मिचौली से भी काफी नुकसान हो रहा है. जिससे फैक्ट्री चलाना मुश्किल हो रहा है. जिले की बजरंगबली टी-फैक्ट्री, आर.बी.टी.फैक्ट्री और अभय टी-फैक्ट्री समेत कई फैक्ट्री के मालिक परेशान हैं.

चाय फैक्ट्री

एनआरआई उद्योगपतियों में निराशा
एक एनआरआई कुमार राहुल सिंह ने सात समुंदर पार कर रशिया से वर्ष 2015 में किशनगंज पहुंचकर चाय फैक्ट्री लगाई. इस उम्मीद के साथ कि बिहार अब बदल गया है. लेकिन बदलाव सिर्फ एक छलावा था. उनका कहना है कि उन्हें अब अपने फैक्ट्री लगाने के फैसले पर पछतावा हो रहा है. इस उद्योग को जितनी बिजली चाहिए वो नहीं मिल रही है. बिजली कब जाएगी कब आएगी कोई ठीक नहीं रहता. उन्होंने बताया कि बंगाल में 24 घंटा बीजली फैक्ट्रियों को मिल रही है. लेकिन यहां ऐसा नहीं है.

स्पेशल रिपोर्ट.

जिले में चाय उद्योग की जुड़ी खास बातें:

  • 10 चाय फैक्ट्री अब बंद होने के कागार पर
  • बिजली नहीं मिलने से नाराज हैं उद्योगपति
  • साल 2011-12 में खुली थी चाय की फैक्ट्री
  • हर साल 7 करोड़ किलो पत्तियों का होता है उत्पादन
  • बिजली नहीं मिलने से किसानों में भी है मायूसी
  • बंगाल जाकर बेचनी पड़ती हैं चाय की पत्तियां
  • अब औने-पौने दाम में बेचनी पड़ती है पत्तियां
  • बंगाल की फैक्ट्रियों को मिलती है 24 घंटे बिजली

क्या बोले कार्यपालक पदाधिकारी
इस संबंध में जब बिजली विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी रंजन कुमार डे से पूछा गया तो उन्होंने रटा रटाया सा जवाब दे दिया. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.10-15 दिन काफी है बिजली सुधार के लिए. जल्द कर्मशियल और डोमेस्टिक फीडर अलग कर दिया जायेगा और बिजली की परेशानी दूर हो जाएगी.

उद्यमियों को सुविधा के नाम पर बिजली तक नहीं
मालूम हो कि बिहार का एकमात्र जिला किशनगंज जहां बड़े पैमाने पर चाय की खेती की जाती है. इससे बिहार सरकार को करोड़ों रुपया का राजस्व की प्राप्ति होती है. लेकिन सरकार उद्यमियों को सुविधा के नाम पर बिजली तक मुहैया कराने में असफल है. ऐसे में राज्य सरकार का उद्योग का जाल बिछाने का सपना पूरी तरह से कागजी घोड़े दौड़ाने जैसी बात बनकर रह गई है.

Last Updated : Jul 2, 2019, 8:06 PM IST

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