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बागी नेता तसीरूद्दीन ने AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष पर पैसा लेकर टिकट देने का लगाया आरोप - एआइएमआइएम के प्रत्याशी कमरुल हुदा

बागी नेता तसीरूद्दीन ने प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने कहा कि मैंने एआईएमआईएम के लिए बहुत कुछ किया. लोगों के घरों में जाकर ओवैसी का झंडा पहुंचाया. लोगों में ओवैसी के प्रति विश्वास जगाया. लेकिन पार्टी ने मेरे साथ विश्वासघात किया.

बागी नेता तसीरूद्दीन व अन्य

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Published : Oct 2, 2019, 10:30 PM IST

किशनगंजःएआईएमआईएम से टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी नेता तसीरूद्दीन ने उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. चुनावी मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर कर उन्होंने एआईएमआईएम के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है.साथ ही उन्होंने एआइएमआइएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान पर टिकट को लेकर लेन-देन का गंभीर आरोप लगाया है.

अध्यक्ष अख्तरूल ईमान पर लगाया आरोप
एआइएमआइएम के बागी नेता तसीरूद्दीन ने प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रत्याशी कमरुल हुदा से मोटी रकम लेकर मेरी टिकट काट दी गई. बागी नेता ने कहा " मैने एआइएमआइएम के लिए बहुत कुछ किया. लोगों के घरों में जाकर ओवैसी का झंडा पहुंचाया. लोगों में ओवैसी के प्रति विश्वास जगाया. लेकिन पार्टी ने मेरे साथ विश्वासघात किया. 2015 में एआइएमआइएम ने मुझे प्रत्याशी बनाया था. उस वक्त कमरूल हुदा एनसीपी के उम्मीदवार थे. मतगणना में कमरुल हुदा से ज्यादा वोट हमने लाया था.

तसीरूद्दीन, निर्दलीय प्रत्याशी

चुनाव में उठाएंगे विकास का मुद्दा
उन्होंने कहा कि मुझे एआइएमआइएम के हेडक्वार्टर हैदराबाद से बार-बार बताया गया कि टिकट हमे मिलेगा. लेकिन आखरी समय में प्रदेश अध्यक्ष की मिलीभगत से मोटी रकम लेकर हमारा टिकट काट दिया गया और 2015 के एनसीपी प्रत्याशी कमरुल हुदा को एआइएमआइएम ने अपना टिकट देकर प्रत्याशी बनाया. एक सवाल के जवाब में बागी नेता तसीरूद्दीन ने कहा कि सिर्फ रोड बनाना विकास नहीं होता. किशनगंज में शिक्षा और रोजगार की बहुत कमी है. इस चुनाव में उनका मुद्दा तालीम, स्वास्थ्य और क्षेत्र का विकास होगा.

कमरुल हुदा, एआइएमआइएम प्रत्याशी

लालू के करीबी माने जाते थे तसीरूद्दीन
बता दें कि बागी नेता व निर्दलीय प्रत्याशी तसीरूद्दीन अब तक 3 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. वर्ष 2005 में जब पोठिया क्षेत्र ठाकुरगंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत थे तब भी निर्दलीय चुनाव लड़े थे. फिर वर्ष 2010 में पोठिया क्षेत्र किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में आने के बाद वर्ष 2010 में राजद के टिकट पर किशनगंज विधानसभा से चुनाव लड़ा था. फिर वर्ष 2015 में किशनगंज विधानसभा क्षेत्र से एआइएमआइएम के टिकट पर चुनाव लड़े और तीनों बार पराजित हुए. तसीरूद्दीन एक जमाने में राजद में जिला के कद्दावर नेता थे. लालू यादव के काफी करीबी माने जाते थे. जिस कारन 2010 में विधानसभा चुनाव में राजद के प्रत्याशी बने थे. बाद में राजद छोड़कर एआइएमआइएम पार्टी में शामिल हो गए.

बयान देते बागी नेता तसीरूद्दीन और एआइएमआइएम के प्रत्याशी कमरुल हुदा

कमरुल हुदा ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
वहीं, एआइएमआइएम के प्रत्याशी कमरुल हुदा ने बागी नेता तसीरूद्दीन के लगाए गए तमाम आरोप को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि 2015 में जो वोट तसीरूद्दीन ने लाया था वह वोट उनका निजी नहीं बल्कि एआइएमआइएम के नाम पर मिला था. टिकट में लेन देन के मामले में उन्होंने कहा कि आरोप लगाना आसान है, सिद्ध करना मुश्किल है. तसीरूद्दीन कल भी मेरे बड़े भाइ थे और आज भी हैं. लेकिन अभी वह गुस्से में बोल रहे हैं. टिकट कटने से नाराज हैं. टिकट कटने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओवैसी साहब जानते हैं, उनका टिकट क्यूं काटा. कमरुल हुदा ने भी अपनी जीत का दावा किया और कहा कि क्षेत्र के लोग एआइएमआइएम को चाहते हैं और इस बार एआइएमआइएम की जीत तय है.

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