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ग्राउंड रिपोर्टः बाढ़ में डूबी फसलें, बोले किसान- ऐसे में आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं - किसानों को मुआवजा

बाढ़ की वजह से किसानों के हजारों एकड़ में लगे फसल डूबकर बर्बाद हो गए हैं. इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है. किसानों का कहना है कि वो आत्महत्या की कगार पर पहुंच गए हैं.

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Published : Sep 29, 2020, 12:00 PM IST

Updated : Sep 29, 2020, 1:05 PM IST

किशनगंजः बिहार में बेमौसम बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं. इससे कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ईटीवी भारत बाढ़ की स्थिति पर लगातार ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. हमारे संवाददाता जब किशनगंज के गांवों में पहुंचे तो लोगों का दर्द छलक पड़ा. यहां आम लोगों के साथ किसानों को भारी नुकसान झेलनी पड़ रही है.

पानी में डूबकर फसल हुए बर्बाद
जिले में महानंदा, डोंक और कनकई नदियों का पानी किशनगंज, ठाकुरगंज, बहादुरगंज, दिघलबैंक, पोठिया और टेढ़ागाछ प्रखंड के निचले इलाकों के दर्जनों गांव में घुस गया है. इससे लोगों के घर पानी में डूब गए हैं. साथ ही किसानों के लगाए गए फसल भी बाढ़ के पानी में डूबकर बर्बाद हो गए हैं. किसान आत्महत्या की कगार पर पहुंच गए हैं.

देखें रिपोर्ट

पांच बार आ चुकी है बाढ़
किशनगंज जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर स्थित गाछपाड़ा पंचायत के आधे दर्जन गांव में बाढ़ का पानी घुस चुका है. इस गांव में महानंदा और डोंक दोनों नदियों का संगम होता है. इससे आसपास के गांव में दोनों नदियां भारी तबाही मचाती है. 2020 में गाछपाड़ा पंचायत के गांवों में पांच बार बाढ़ आ चुकी है.

बाढ़ का पानी

नहीं है नाव की व्यवस्था
स्थानीय लोगों ने बताया कि बाढ़ की वजह से लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं. पानी में लोगों के जरूरी सामान के साथ राशन भी डूब गए. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. प्रशासन की तरफ से एक नाव तक की व्यवस्था नहीं की गई है. जिससे लोगों को आवागमन में भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.

लोगों को परेशानी

'आत्महत्या के अलावा नहीं बचा रास्ता'
किसानों ने बताया बाढ़ की वजह से हजारों एकड़ लगी धान की फसल भी बर्बाद हो गई है. किसानों ने बताया कि कर्ज लेकर उन्होंने फसल लगाई थी. अब न तो उनके पास फसल लगाने के लिए पैसे हैं और न ही कर्ज चुकाने के लिए उनके पास कुछ बचा है. किसानों ने कहा कि सरकार अगर उनकी मदद नहीं करती है तो आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचेगा.

डूबीं फसलें

निचले इलाकों में घुसा पानी
डीएम डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया कि 48 घंटों में काफी बारिश हुई है जिससे प्रमुख नदियां उफान पर हैं और निचले इलाकों में पानी घुस गया है. उन्होंने बताया कि काफी जगहों पर कटाव भी हो रहा है. इसपर फ्लड कंट्रोल के इंजीनियर बाढ़ और कटाव पर लगातार नजर बनाए रखे हैं.

बाढ़ पीड़ित

फसल क्षति का आंकलन
डॉ आदित्य प्रकाश ने कहा कि किसानों की क्षतिपूर्ती के लिए जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया जा चुका है. फसल क्षति का आंकलन करके किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. अब देखना होगा कि बाढ़ पीड़ित लोगों तक जिला प्रशसान कब तक मदद पहुंचाता है.

Last Updated : Sep 29, 2020, 1:05 PM IST

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