किशनगंज/रक्सौल/गोपालगंज/दरभंगाः देशभर में सीएए और एनआरसी का विरोध लगाता जारी है. इसी क्रम में विपक्षी दलों ने बुधवार को भारत बंद बुलाया था. जिसका असर बिहार के लगभग सभी जिलों में देखने को मिला. विभिन्न विपक्षी दलों ने सड़क पर उतरकर सीएए का विरोध किया. जिसमें बामसेफ, राष्ट्रीय मूलनिवासी अधिकारी संघ, बहुजन क्रांति मोर्चा, जाप, हम, राजद, कांग्रेस और एआईएमआईएम के समर्थक शामिल हुए.
किशनगंज में बंद के दौरान घंटों फंसे रहे यात्री किशनगंजः सीएए के विरोध में विपक्ष के बुलाए भारत बंद का असर किशनगंज में भी देखने को मिला. यहां बंद समर्थकों ने एनएच-31 तो जामकर घंटों प्रदर्शन किया. जिससे सड़क पर दोनों और वाहनों की लंबी कतार लग गई. जाम में फंसे एक यात्री ने कहा कि वो मुबंई से आ रहे हैं और भागलपुर जाना है. जहां उनकी मां अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने कहा कि पता नहीं कब तक मां से मिल सकूंगा.
पूर्वी चंपारण में भी दिखा बंद का असर रक्सौलः भारत बंद के दौरान पूर्वी चंपारण में भी प्रदर्शन किया गया. यहां बंद समर्थकों ने दिल्ली और काठमांडू को जोड़ने वाली अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-28 को रक्सौल के रामगढ़वा के पास जामकर जमकर प्रदर्शन किया. जिससे सड़क पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप रहा. यहां प्रदर्शन के दौरान सड़क पर टायर जलाकर सीएए और एनआरसी के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए.
गोपालगंज में सड़क पर सीएए का विरोध करते प्रदर्शनकारी गोपालगंजः जिले में जाप और रालोसपा के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर सीएए और एनआरसी को विरोध किया. यहां बंद समर्थकों ने विरोध मार्च निकाली. जो की शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए मौनिया चौक पर पहुंचकर एक सभा में तब्दील हो गई. जाप के जिलाध्यक्ष विजय प्रताप सिंह ने कहा कि इस काला कानून को लागू नहीं होने दिया जाएगा. सरकार को यह कानून वापस लेना होगा.
दरभंगा में महिला प्रदर्शनकारी भी दिखीं सड़क पर दरभंगाः एनआरसी और सीएए के खिलाफ विभिन्न संगठनों के भारत बंद का असर दरभंगा में भी दिखा. प्रदर्शनकारियों ने एनएच-57 को सदर थाना के गौसा घाट के पास काफी देर तक जाम रखा. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए गए. यहां प्रदर्शन में भारी संख्या में महिलाए भी शामिल हुईं. बता दें कि जाम की वजह से दरभंगा से मुजफ्फरपुर, मधुबनी और पटना की तरफ जाने वाले यात्री परेशानी रहे.