किशनगंज: बाढ़ ग्रस्त जिला है. हर साल बाढ़ के कारण यहां लाखों-करोड़ों का नुकसान होता है. हर वर्ष बाढ़ तबाही मचाती है. तबाही का मंजर इस कदर रहता है कि जिले के वासियों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट जाता है. चारों तरफ पानी ही पानी होता है. लोग यहां से पलायन कर किसी ऊंची जगह पर चले जाते हैं. वहीं, बाढ़ के कारण कई घर नदी में बह जाते हैं.
किशनगंज: बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन ने कसी कमर, तैयारी में जुटा महकमा - the pier
बाढ़ की भयाववहता को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूर्व में ही तैयारी शुरू कर दी है. बांधों को मजबूत किया जा रहा है. बाढ़ के समय खाने की समस्या ना हो इसके लिए राशन का भंडारण भी कर लिया गया है.
ऐसी ही भयंकर बाढ़ 2017 में आई थी. उसने किशनगंज का नक्शा ही बदल दिया. बहुत सारे लोग बेघर हो गये थे. ऐसे में इन हालातों से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही कमर कस ली है. आने से पहले ही तैयारी शुरू कर दी गयी है. तटबंधों का मरम्मत किया जा रहा है. जिला प्रशासन नदी किनारे बसे गांव के लोगों और उनके प्रतिनिधियों के साथ बाढ़ को लेकर समीक्षा बैठक कर रहा है. लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
बाढ़ से निपटने की तैयारी
जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि इस बार 2017 की बाढ़ की भयावहता को देखते हुए हमने तैयारी करना शुरू कर दिया है. बांधों को मजबूत किया जा रहा है. बाढ़ के समय खाने की समस्या ना हो इसके लिए हमने राशन भंडार कर लिया है. बाढ़ के समय कैंप किया जायेगा. साथ ही सभी प्रखंडों में एक-एक अतिरिक्त मजिस्ट्रेटों की तैनाती की जायेगी. नाव की व्यवस्था की जायेगी और मेडिकल की सुविधा भी उपलब्ध करवाया जायेगा. वहीं, नदी के जलस्तर बढ़ने पर हम लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जायेंगे.