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किशनगंज: किराए के मकान से संचालित हो रहा है वन विभाग, नहीं मिलती सरकारी सुविधाएं

वन क्षेत्र अधिकारी यू. एन. दुबे ने कहा कि विभाग को सरकारी सुविधा के नाम पर कुछ भी मुहैया नहीं कराया जाता है. उन्होंने बताया कि यहां पकड़े गए अपराधियों को रखने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं है. उन्हें पकड़ने के बाद सबसे ज्यादा समस्या उन्हें रखने में होती है.

forest department in Kishanganj
वन विभाग की खस्ता हालत

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Published : Dec 8, 2019, 8:04 PM IST

किशनगंज: जिले के खगड़ा में स्थित वन विभाग आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. दरअसल वन विभाग सरकार की अनदेखी के कारण लगातार उपेक्षाओं का शिकार रहा है. हालत यह है कि वन विभाग का अपना एक मकान भी नहीं है. किराए के एक मकान से विभाग संचालित हो रहा है.

बता दें कि खगड़ा में वन विभाग का जो डिपो है, उसके लिए सरकार की ओर से कोई जगह नहीं दी गई है. जिस जमीन पर अभी डिपो है उसे भी जिला प्रशासन ने खाली कराने का आदेश दे दिया है. नया डिपो कहां होगा इसके लिए कोई जमीन मुहैया नहीं कराया गया है.

वन विभाग की दशा

डिपो की खस्ता हालत
विभाग के डिपो में किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है. यहां तक की सुरक्षा के लिए डिपो में चारदीवारी तक नहीं है. वहीं, विभाग की रखवाली के लिए एक सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गई है. जो रखवाली के लिए काफी नहीं है. वहीं, नेपाल और बांग्लादेश सीमा से सटे होने के कारण यहां हर दिन तस्कर पकड़े जाते हैं. और उनसे तस्करी की लकड़ी और जानवर भी जब्त किए जाते हैं. जब्त किए गए सामानों को खुले में ही रखा जाता है.

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'एक सुरक्षाकर्मी काफी नहीं'
डिपो सुरक्षाकर्मी सत्येंद्र पासवान ने बताया कि वन विभाग का अपना कोई कमरा भी नहीं है. यहां किराए के मकान में रहकर विभाग की सुरक्षा करनी पड़ती है. उन्होंने बताया कि विभाग की रखवाली के लिए एक सुरक्षाकर्मी काफी नहीं है. इसकी रखवाली के लिए और कर्मचारियों को तैनात करना जरूरी है.

नहीं मिलती सरकारी सुविधाएं
वन क्षेत्र अधिकारी यू. एन. दुबे ने कहा कि विभाग को सरकारी सुविधा के नाम पर कुछ भी मुहैया नहीं कराया जाता है. उन्होंने बताया कि यहां पकड़े गए अपराधियों को रखने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं है. उन्हें पकड़ने के बाद सबसे ज्यादा समस्या उन्हें रखने में होती है. उन्होंने कहा कि विभाग के भवन और डीपो के लिए कई बार अधिकारियों को सूचित किया गया है. बावजूद इसके अभी तक किसी भी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं की गई है.

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