किशनगंज: बिहार का किशनगंज लोकसभा क्षेत्र नेपाल और बंगाल की सीमा पर स्थित है. यहां का चुनावी इतिहास बहुत ही दिलचस्प रहा है. 1957 से 2014 तक कुल 16 चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी को आठ बार जीत मिली. सांसदों के चुनाव में मुस्लिम वोट ही यहां निर्णायक रहे हैं.
किशनगंज लोकसभा सीट पर पिछले दो चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी मौलाना असरारुल हक कासमी जीत दर्ज करने में सफल हुये थे. इनके निधन के बाद कांग्रेस ने यहां से डॉ. मोहम्मद जावेद को टिकट दिया है. यहां दूसरे चरण में 18 अप्रैल को वोटिंग होनी है.
चौथे प्रयास में जीते थे असरारुल
वर्ष 2009 और 2014 में पहली बार जिले के निवासी व सूरजापुरी बिरादरी से आनेवाले जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना असरारुल हक कासमी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत का परचम लहराया. इसके बाद वर्ष 2014 के चुनाव में भी उन्होंने अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा. बीते सात दिसंबर 2018 को उनका निधन हो गया.
कौन-कौन है मैदान में
किशनगंज लोकसभा सीट से कुल 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर कुल 31 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे.
- बहुजन समाज पार्टी से इंद्र देव पासवान.
- तृणमूल कांग्रेस से जावेद अख्तर.
- कांग्रेस पार्टी से डॉ. मोहम्मद जावेद.
- आम आदमी पार्टी से अलीमुद्दीन अंसारी.
- जनता दल (युनाइटेड) से सईद महमूद अशरफ.
- ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन से अख्तरुल इमान.
- शिवसेना के टिकट से प्रदीप कुमार सिंह.
- झारखंड मुक्ति मोर्चा से शुकल मुरमू.
- बहुजन मुक्ति पार्टी के टिकट से राजेंद्र पासवान चुनाव मैदान में हैं.
- अजीमुद्दीन, असद आलम, छोटे लाल महतो, राजेश कुमार दुबे और हसेरुल बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव में हैं.
चार विधानसभा वाली लोकसभा सीट
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में चार विधानसभा क्षेत्र हैं. जिनमें बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज और कोचाधामन के अलावा पूर्णिया जिले के दो विधानसभा क्षेत्र अमौर और बायसी शामिल हैं.