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मुस्लिम परिवार ने शादी कार्ड पर बनवाया भगवान का चित्र, सामाजिक सौहार्द को लेकर हो रही तारीफ

मुस्लिम परिवार की शादी कार्ड पर बना भगवान का चित्र लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. हिंदू समाज के कुछ लोगों ने निमंत्रण मिलने के बाद इसे सोशल मीडिया में वायरल कर सीख लेने की अपील की है.

शादी का कार्ड
शादी का कार्ड

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Published : Jun 24, 2020, 9:31 AM IST

किशनगंजः एक तरफ जहां देश भर में आपसी भाईचारा और सौहार्द छोटी-छोटी बातों को लेकर बिगड़ रहा है. वहीं, ऐसे नाजुक दौर में कुछ लोग गंगा जमुनी तहजीब को कायम रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोग ना सिर्फ आपसी सौहार्द बनाए रखने में लगे हैं, बल्कि अपने काम से दूसरों को सबक भी दे रहे हैं.

शादी कार्ड पर बनवाई भगवान की फोटो
हम बात कर रहे हैं किशनगंज के एक मुस्लिम परिवार की, जिसने आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की है. किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड के कैरीबिरपुर गांव के रहने वाले मो. असगर आलम ने अपनी बेटी की शादी के कार्ड पर गणेश भगवान और राधाकृष्ण का चित्र बनवाया है. लोगों के बीच पहुंच रहा शादी का ये कार्ड चर्चा का विषय बना हुआ है. हिंदू समाज के कुछ लोगों ने निमंत्रण मिलने के बाद इसे सोशल मीडिया में वायरल कर सीख लेने की अपील की है.

मुस्लिम शादी के कार्ड पर बना भगवान का चित्र

पूरे कार्ड पर है राधाकृष्ण की झलक
कोचाधामन प्रखंड के कैरीबिरपूर गांव के मदरसा टोला निवासी मो. असगर आलम की बेटी असफैरी प्रवीण की शादी 24 जून को बाहादुरगंज प्रखंड के गोना समेश्वर निवासी मो. तौकीर आलम के साथ होनी है. मो. असगर ने अपने हिंदू मित्रों और संबंधियों को जो आमंत्रण पत्र भेजा है, वह खास है. आमत्रंण पत्र के अंदर एक तरफ गणेश जी हैं तो दूसरी तरफ राधाकृष्ण. पूरे कार्ड पर राधाकृष्ण की झलक दिख रही है. लिफाफे में भी गणेशजी की तस्वीर है. मो. असगर पेशे से चालक हैं. लेकिन उन्होंने एक मिसाल कायम की है.

शादी का कार्ड

कांग्रेस जिलाध्यक्ष पिंटू चौधरी ने की तारीफ
उनके इस पहल की कांग्रेस जिलाध्यक्ष पिंटू चौधरी ने सराहना की है. उन्होंने कहा कि आज कुछ तबका वोट और निजी फायदे के लिए आपस में हिन्दु-मुस्लिम करने से नहीं थकता. जब मो. असगर आलम की पुत्री के विवाह समारोह का आमंत्रण पत्र मिला तो हम हैरान हो गए. सोचने को मजबूर हो गए. समाज को इनकी सोच को सलाम करना चाहिए.

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'पहले हम इंसान हैं, बाद में किसी धर्म के अनुयायी'
वहीं, चालक असगर ने कहा कि मेरे वतन हिदुस्तान जैसा कोई देश नहीं है. कोई मजहब ये नहीं कहता कि दूसरे मजहब का सम्मान न करें. पहले हम इंसान हैं, बाद में किसी धर्म के अनुयायी. उन्होंने बताया कि किशनगंज जिला पूरे देश में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है. यहां के लोग इंसानियत को ही अपना मजहब मानते हैं. हमारी दुआ है कि इसे किसी की नजर न लगे. हमारी बेटी का दाम्पत्य जीवन सुखमय हो, लोगों से दुआ की गुजारिश करते हैं.

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