किशनगंज:जिले के बेलवा स्थित पशु चिकित्सालय की हालत बद से बदतर है. इस पशु चिकित्सालय में न ही डॉक्टर है और न ही दवाईयों की सुविधा है. पशु चिकित्सालय में कोई भी ग्रामीण पशु के इलाज के जाता है तो उसे खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है. इस चिकित्सालय में कर्मचारी के नाम पर सिर्फ एक डेटा एंट्री ऑपरेटर रहता है. वहीं, स्वास्थ्य सुविधा पर सरकार का पूरा ध्यान रहता है. उसके लिए सरकार पैसे भी पानी की तरह बहा रही है. लेकिन फिर भी विभाग उदाशीनता का शिकार है.
किशनगंज: बेलवा पशु चिकित्सालय का भवन जर्जर, डॉक्टर और दवाईयां नदारद
जिला पशु चिकित्सा अधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि पहले जिले में पशु चिकित्सकों की कमी थी. लेकिन अब हमारे जिले में 6 नए डॉक्टर आए है. जिन्हें जल्द ही ऐसे अस्पतालों में नियुक्त किया जाएगा.
डॉक्टरों की है घोर कमी
बेलवा स्थित पशु चिकित्सालय की हालत बद से बदतर हो गई है. अस्पताल के नाम पर एक जर्जर भवन है. जिसमें डॉक्टरों की घोर कमी है. अस्पताल में कर्मचारी के नाम पर सिर्फ एक डेटा एंट्री ऑपरेटर रहता है. वहीं, अस्पताल में कार्यरत डाटा इंट्री ऑपरेटर विश्वनाथ सिंह ने बताया कि डॉक्टर दो अस्पतालों के प्रभार में है. इस वजह से उन्हें दोनों जगहों पर जाना पड़ता है. जिसकी वजह से वो यहां ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं.
'6 नए डॉक्टर किए गए नियुक्त'
पशु चिकित्सा अधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि पहले हमारे जिले में पशु चिकित्सकों की कमी थी. लेकिन अब हमारे जिले में 6 नए डॉक्टर आए है. जिन्हें जल्द ही ऐसे अस्पतालों में नियुक्त किया जाएगा. अस्पताल में दवा उपलब्ध न रहने की बात पर उन्होंने कहा कि हमारे पास दवा आ गई है. जांच पूरी कर के जल्द से जल्द सभी अस्पतालों को सौंप दी जाएगी.