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किशनगंज SHO हत्या मामले में बड़ा खुलासा, ऐसे जुटाई गई 500 की भीड़ - किशनगंज थानाध्यक्ष हत्याकांड

किशनगंज SHO हत्याकांड मामले में पुलिस ने खुलासा किया है. थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की हत्या के लिए अपराधियों ने साजिश रची थी. अपराधियों ने गांव में ऐलान कर अफवाह फैलाई थी कि पुलिसवालों के वेश में डकैत आ रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है. लूटी गई बाइक भी बरामद कर ली गई है.

kishanganj SHO ashwini kumar
किशनगंज के दिवंगत दारोगा अश्विनी कुमार

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Published : Apr 13, 2021, 4:16 PM IST

Updated : Apr 13, 2021, 4:35 PM IST

किशनगंज:थानाध्यक्ष हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस ने नया खुलासा किया है. 10 अप्रैल की सुबह हुई घटना उग्र भीड़ द्वारा अचानक की गई वारदात नहीं थी. इसके पीछे पूरी साजिश रची गई थी. 500 की भीड़ जुटायी गयी थी. साजिश हत्याकांड के मुख्य आरोपी फिरोज और इसराइल ने रची थी. बाइक छिनतई की घटना के मामले में दिवंगत थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार के साथ पुलिस टीम पश्चिम बंगाल के ग्वालपोखर थाना के पंतापाड़ा गांव में छापेमारी करने गई थी.

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डकैत आने की फैलाई थी अफवाह
अपराधियों को पता चल गया था कि पुलिस आने वाली है. अपराधियों ने गांव के धार्मिक स्थल से ऐलान कर लोगों को जुटाया. अपराधियों ने कहा कि पुलिसवालों के वेश में डकैत गांव में आ रहे हैं. इस अफवाह के चलते गांव के सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए थे. जैसे ही पुलिस टीम पहुंची, गांव के लोगों ने हमला कर दिया. ग्रामीणों ने दिवंगत थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. उनके साथ मौजूद पुलिसकर्मी भाग गए थे.

देखें वीडियो

"फिरोज और इसराइल मुख्य साजिशकर्ता हैं. दोनों ने गांव के धार्मिक स्थल से ऐलान कर लोगों की भीड़ इकट्ठा की थी और घटना को अंजाम दिया था. 8 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है. बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है. चोरी की बाइक बरामद कर ली गई है."- अनवर जावेद अंसारी, एसडीपीओ, किशनगंज

कब क्या हुआ?

  • 9 अप्रैल: रात में किशनगंज के ढेकसरा में मेन रोड पर बाइक लूट की घटना हुई. पीड़ित मुश्फिक आलम ने छगलिया के मो. जाकिर और उसके दो साथियों पर आरोप लगाया.
  • 10 अप्रैल: दिवंगत थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार जाकिर के घर गए तो पता चला कि वह अपने ससुराल पंतापाड़ा गया है. थानाध्यक्ष पुलिस टीम के साथ पंतापाड़ा गए, जहां जाकिर ने अपने सहयोगियों की मदद से गांव वालों को जुटा लिया था. गांव के लोगों ने हमला कर दिया और पीट-पीटकर थानाध्यक्ष की हत्या कर दी. पुलिस निरीक्षक सहित 7 पुलिसकर्मियों को आईजी सुरेश चौधरी ने निलंबित कर दिया. घटना में सभी जान बचाकर वहां से भाग गए थे.
  • 11 अप्रैल: बेटे की मौत के सदमे में मां उर्मिला देवी ने भी दम तोड़ दिया. मां और बेटे की चिता एक साथ जली. 21 नामजद और 500 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
    शहीद एसएचओ अश्विनी कुमार और उनकी मां की अर्थी एक साथ उठी थी.

ये हुए गिरफ्तार

  1. मतिबुल
  2. अंसारुल
  3. शाह जमाल
  4. फिरोज आलम
  5. अबुजर आलम
  6. शाहीनुल खातून
  7. मलिक उर्फ अब्दुल मलिक
  8. इसराइल

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Last Updated : Apr 13, 2021, 4:35 PM IST

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