किशनगंजःसूबे में अपराधी (Crime In Bihar) अपराध के रोज नए-नए तरीके अपना रहे हैं. किशनगंज में अपराधियों के द्वारा अपने आप को पुलिसवाला बताकर लोगों से वसूली और अकेले में ले जाकर लूटपाट करने के मामले का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस ने एक शातिर को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है.
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दरअसल, मुनाजिर आलम रविवार की शाम कन्हैया बारी से अपना घर लौट रहा था. इसी क्रम में सताल पुल के पास उसकी मोटरसाइकिल अचानक बंद हो गई. वह अपनी बाइक को ठीक कर ही रहा था कि लाल रंग के कार से तीन लोग उतरे और अपने आप को पुलिस वाला बताकर गाली-गलौज करने लगे.
इस दौरान उन लोगों ने मोनाजिर के दोस्तों के मोबाइल और पर्स भी छीन लिए फिर हमें भी हादुरगंज थाना ले जाने के नाम पर कार में बैठा लिया. मुनाजिर ने बताया कि इन हरकतों के बाद मुझे उनलोगों पर संदेह होने लगा. उनका शक यकीन में तब बदला जब वे बहादुरगंज थाना के बजाय एलआरपी चौक से एनएच-327 ई पकड़कर लोहागाड़ा की ओर बढ़ गए.
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लोहागाड़ा पहुंचने पर जब कार धीमी हुई तो मुनाजिर ने शोर मचाकर ग्रामीणों से मदद की गुहार लगाई. कार के अंदर से शोर होने पर ग्रामीणों में तुरंत उसे घेर लिया. इसके बाद पकड़े जाने के डर से कार सवार दो शातिर तो मौके से भाग निकले, जबकि तीसरे को ग्रामीणों ने पकड़ लिया है.
"नकली पुलिस बनकर लोगों से उगाही करने के मामले में एक अपराधी की गिरफ्तारी हुए है. नामजद दो आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया है. उन शातिरों की गिरफ्तारी के बाद हाल के दिनों में हुए लूटपाट और छिनतई के मामलों का उद्भेदन हो सकेगा. फिलहाल गिरफ्तार मो. आशिक को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है."-संजय कुमार, एसएचओ
पकड़े गए शातिर ने अपनी पहचान टप्पू कालागाछ निवासी मो. आशिक आलम, पिता हलीमुद्दीन साकीन के रूप में बताई है. ग्रामीणों ने बहादुरगंज थाने को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की पूछताछ में आशिक ने बताया कि उसके साथ कार में उसके पिता मजीबुल रहमान और पिता खैरूल्लाह थे. पुलिस ने अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है.