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धान की खरीदी में काफी पीछे है किशनगंज, औने-पौने दाम में बेचना पड़ रहा है धान - पैक्स में धान की खरीददारी

किसानों का कहना है कि धान की खेती में मेहनत भी ज्यादा है और खर्च भी. किसी तरह से धान की खेती तो कर लेते हैं, लेकिन जब बेचने की बारी आती है, तो औने-पौने भाव में बिचौलियों को बेचना पड़ता है.

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Published : Jan 24, 2020, 2:23 PM IST

किशनगंज: पैक्स चुनाव और मौसम में नमी के कारण समय पर धान की खरीदारी नहीं शुरू हुई. इस वजह से किशनगंज अपने लक्ष्य से पिछे रह गया. जिले में 30 हजार मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य है. लेकिन, विभागीय लापरवाही से अबतक मात्र 5,174 मीट्रिक टन धान की ही खरीदारी हो पाई है.

औने-पौने दाम में बेचना पड़ता है धान
किसानों का कहना है कि धान की खेती में मेहनत भी ज्यादा है और खर्च भी. किसी तरह से धान की खेती तो कर लेते हैं, लेकिन जब बेचने की बारी आती है, तो औने-पौने भाव में बिचौलियों को बेचना पड़ता है. किसानों का कहना है कि कुछ पैक्स अध्यक्ष ही ऐसे हैं, जो धान खरीदते हैं.

पेश है रिपोर्ट

'31 मार्च तक पूरा कर लेंगे लक्ष्य'
इस मामले पर जिला सहकारिता पदाधिकारी आनंद चौधरी ने सफाई देते हुए कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस साल 4 गुना ज्यादा धान की खरीदारी हुई है. लगभग सभी पैक्स में धान की खरीदारी हो रही है. जिन पैक्सों में धान नहीं खरीदा जा रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने 31 मार्च तक अपने लक्ष्य प्राप्ति की बात कही. साथ ही, उन्होंने चुनाव को भी धान की कम खरीदारी में बाधा बताया.

धान की खेती करते किसान

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