किशनगंज: जिले का वन विभाग बिहार सरकार के राजस्व को काफी फायदा पहुंचा सकता है. लेकिन, वन विभाग इस ओर तनिक भी ध्यान नहीं दे रहा है. दरअसल, किशनगंज ग्राम इलाके के पास वन विभाग का डिपो है. जहां वन विभाग की ओर से काटी गई या जब्त की हुई लकड़ियां रखी जाती हैं. लेकिन, विभाग की लापरवाही के कारण यह डिपो खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.
किशनगंज: सरकारी उदासीनता का शिकार वन विभाग का डिपो, बना आवारा पशुओं का अड्डा
फिलहाल, इस पूरे डिपो की देख-रेख एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी करता है. उन्होंने बताया कि इसके बारे में कितनी ही दफा विभाग को शिकायत की गई है. बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.
किशनगंज खगरा मेला के पास स्थित वन विभाग का डिपो विभागीय उदासीनता के कारण बदहाल हालत में है. डिपो में रखी वन विभाग की लकड़ियां खराब हो रही हैं. साथ ही डिपो की चारदीवारी भी टूट चुकी है. आस-पास के लोग इसमें अपने पशुओं को रखते हैं. यह आवारा पशुओं का अड्डा बनता जा रहा है. इसकी रखवाली के लिए विभाग ने जो अधिकारी रखे हैं वह भी ज्यादातर गायब ही रहते हैं.
बुजुर्ग कर्मचारी के जिम्मे रखवाली
फिलहाल, इस पूरे डिपो की देख-रेख एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी करता है. उन्होंने बताया कि इसके बारे में कई बार विभाग को शिकायत की गई. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई. डिपो चारदीवारी के भीतर ना होने से आसपास के लोग इसमें अपने पशुओं को रखते हैं. डिपो स्थित कार्यालय की हालत भी दयनीय है. परिसर में टिन शेड से बना एक कमरा है. जिसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रहते हैं. बता दें कि वन विभाग का कार्यालय किशनगंज के सुभाषपल्ली चौक स्थित एक किराए के मकान में चलता है. यहां भी ज्यादतर ताला ही लटका रहता है.