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नीतीश के कार्यकाल में नहीं हुए एक भी दंगे, जातीय हिंसा के केंद्र बन गए थे लालू: मांझी

नीतीश की तारीफ करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि वो पीएम मैटेरियल हैं. उनके 17 के कार्यकाल में कोई दंगे नहीं हुए, जबकि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) के शासन काल में जातीय हिंसा चरम पर थी. पढ़ें पूरी खबर-

नीतीश को पीएम मैटेरियल
नीतीश को पीएम मैटेरियल

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Published : Jun 5, 2022, 10:03 PM IST

किशनगंज: एक बार फिर जीतनराम मांझी ने नीतीश को पीएम मैटेरियल (Nitish Kumar is PM material) करार दिया. मौका था HAM की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का. उन्होंने किशनगंज में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नीतीश में सब गुण है. लेकिन ये जरूरी नहीं कि सब गुण रहने से सब हो जाए. उन्होंने 17 साल बिहार चलाकर दिखा दिया कि उनका काम और विजन कैसा है. बिहार में उनके द्वारा चलाई गई योजना केंद्र में चलाई जा रही है. खास बात ये है कि नीतीश जी कार्यकाल के दौरान बिहार में कोई दंगे नहीं हुए.

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'नीतीश कुमार में सब गुण हैं. उन्होंने 17 साल बिहार में सरकार चलाकर दिखला दिया कि सबको सलाहियत से सबको ले देकर चलते हैं. जब से नीतीश ने गद्दी संभाली तब से आज तक बिहार में हिन्दू-मुसलमान के दंगे नहीं हुए. पहले प्राय: ये धार्मिक उन्हमाद बिहार में देखने को मिलता था. लालू जी के राज में जो जातीय संघर्ष होते थे वो सब नहीं हो रहा है. नीतीश में काबिलियत है. विकास की बात करें तो चाहे सात निश्चय हो, नल जल योजना हो, सब पर उन्होंने काबिल-ए-तारीफ काम किया है. नीतीश जी देश के लिए किसी भी पद के लिए मैटेरियल हैं.' -जीतन राम मांझी, पूर्व मख्यमंत्री बिहार

'पीएम मैटेरियल हैं नीतीश कुमार': जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त है. जब से नीतीश कुमार ने सत्ता संभाला है तब से बिहार में हिंदू मुसलमान दंगा नहीं हुआ, न ही जातीय हिंसा हुई. नीतीश की तारीफ के साथ ही मांझी ने लालू यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासन में बिहार में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा होती थी पर अब स्थिति बिल्कुल बदल गई है.

'शराबबंदी में सिर्फ फंसाने का हो रहा खेल': इसी दौरान उन्होंने शराबबंदी पर भी निशाना साधा था. जीतनराम मांझी ने साफ साफ कहा कि आज की शराबबंदी में सिर्फ फंसाने का खेल चल रहा है. किसी को फंसाना है तो उसके घर में शराब की बोतलें रखवाकर आरोप मढ़ दो और जेल में ढूंस दो. इसके अनुपालन में बहुत गड़बड़ियां हैं. इस खामी की ओर उन्होंने कई बार ध्यान आकृष्ठ कराया. मांझी से पत्रकारों ने पूछा कि बिहार में शराबबंदी सफल है कि नहीं तो उन्होंने कुछ इसी तरीके से गोल गोल जवाब देकर जागरूकता की कमी पर नाकामी का ठप्पा लगा दिया.

मेरे मां-बाप शराब पीते थे, मेरे घर में शराब बेचा जाता था, घर में शराब पीने और पिलाने का माहौल था. लेकिन, मैं शराब तक छूता नहीं था. वहां तब कोई शराबबंदी नहीं थी. लेकिन, मेरी इच्छा शराब पीने की नहीं हुई तो मैंने शराब नहीं पिया. अब शराबबंदी फंसाने का तरीका बन गई है. गरीब लोगों को फंसाया जा रहा है और पुलिस पदाधिकारी करोड़पति होते जा रहे हैं'- जीतनराम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री बिहार

किशनगंज में HAM की एक दिवसीय कार्यकारिणी बैठक संपन्न: बता दें कि हिंदुस्तान आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समीति की एक दिवसीय बैठक किशनगंज में आयोजित की गई थी. इस बैठक में शामिल होने के लिए हम पाटी के मुख्य संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी किशनगंज पहुंचे हुए थे. साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार सरकार के मंत्री डा संतोष कुमार सुमन, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष जेपी वर्मा, पूर्व विधायक डॉक्टर अनिल कुमार, विधायक ज्योति मांझी, बिहार प्रदेश के अध्यक्ष प्रफुल्ल मांझी, राष्ट्रीय महासचिव दानिश इकबाल सहित बिहार और झारखंड के एक दर्जन से अधिक पार्टी के पदाधिकारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने किशनगज पहुंचे थे. हम की मजबूती के लिए आयोजित की बैठक अब संपन्न हो चुकी है.

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