किशनगंज: बिहार के 40 सीटों में से 39 सीटों पर एनडीए के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. इस चुनाव में महागठबंधन ने मात्र एक सीट पर जीत हासिल की है. ये सीट से कांग्रेस नेता डॉ. जावेद आजाद उम्मीदवार थे, जिन्होंने यहां से अपनी जीत मुकर्रर की है.
जेडीयू को मिली हार
इस सीट से महागठबंधन की जीत पर जेडीयू विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने कहा कि चुनाव की तैयारियों में कुछ कमी रह गई होगी, जिस कारण सही रणनीति नहीं बन पाई और पराजय का मुंह देखना पड़ा.
बताई हार की वजह
जेडीयू विधायक ने कहा कि हार की एक बड़ी वजह यह भी रही है कि विरोधियों ने यहां के अल्पसंखयको के दिमाग में ये बात भर दी की जेडीयू को वोट दोगे तो मोदी जीत जाएगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने जो विकास कार्य किया था उसके बल पर जो वोट मिलने की उम्मीद थी, उतनी वोट लोगों ने नहीं दिया.
मास्टर मुजाहिद आलम, जेडीयू विधायक 40,000 वोटों के अंतर से मीली हार
बता दें कि पूर्णिया जिले में दो विधानसभा आते है अमौर और बाईसी. इसमें बाईसी विधानसभा एनडीए प्रत्याशि महमूद अशरफ का पैतृक गांव भी है. यहां से उन्हें अधिक वोट नहीं मिले. यही कारण है कि वो 40,000 वोटों के अन्तर से चुनाव हार गए.
निर्दलीय उम्मीदवार भी रहे वजह
जेडीयू विधायक ने कहा कि चुनाव के वक्त निर्दलीय उम्मीदवारों को नजर अंदाज करना भी महंगा साबित हुआ. उन्होंने कहा कि निर्दलीय उम्मीदवारों ने 38,000 वोट लाया है जो की एनडीए का था. उन्होंने कहा कि उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों को समझाना चाहिए था और उनसे मदद मांगनी चाहिए थी.
किशनगंज विधानसभा सीट खाली
बता दें कि डॉ. जावेद आजाद के सांसद बन जाने के बाद किशनगंज विधानसभा सीट खाली हो गई है. इसके लिए सभी पार्टियां अभी से ही तैयारियों में जुट गई है. इस सीट से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान तय करेगा कि यहां से जेडीयू लड़ेगी या बीजेपी.