किशनगंज:जिले में कई दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण जनजीवन बाधित है. साथ ही नेपाल के कई इलाकों में हो रही बारिश ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. जिले में बहने वाली महानंदा, मेची, कन्काई सहित सभी नदियां ऊफान पर हैं. महानंदा नदी तो खतरे का निशान भी पार कर चुकी है. लोगों में चीख-पुकार मची हुई है.
इस प्राकृतिक आपदा से किशनगंज के कोचाधामन, दिघलबैंक और बहादुरगंज प्रखंड के कई पंचायत काफी प्रभावित हैं. किशनगंज और कोचाधामन के हालात को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से राहत कैंप शुरू किए गये हैं.
यातायत ठप
किशन ठाकुरगंज मुख्य मार्ग पर बाढ़ का पानी सड़क के उपर आ गया है. ऐसी ही स्थिति जिले के कई जगहों पर देखने को मिल रही है. जिससे यातायात ठप पड़ गया है. ऐसे में लोग जीवन बचाने के लिए बच्चों, मवेशियों समेत गांव से पलायन कर रहे हैं.
सरकार के प्रति ग्रामीणों में आक्रोश
किशनगढ़ प्रखंड के गाछपड़ा, टेनगरमारी, महीनगांव, दौला, पिछला और चकला पंचायत के हालात बद से बदतर हैं. जिससे लोग मजबूरन घर छोड़ रहे हैं. वहीं, हफ्तों बाद भी राहत सामग्री नहीं मिलने से उनमें आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें सरकारी मदद नहीं मिल रही है.
ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट सरकार तैयार है- बीडीओ
इस पूरे हालत पर किशनगंज के बीडीओ मिनाज अख्तर का कहना है कि सरकारी ने पूरी तैयारी कर रखी है. टीम लगातार निगरानी कर रही है. बाढ़ पीड़ितों के रहने के लिए स्कूल में व्यवस्था की गई है. वहां उनके खाने का भी पूरा इंजताम है.