किशनगंज:बिहार के किशनगंज के अंचल कार्यालय में दाखिल खारिज (Mutation) के नाम पर अवैध धनउगाही (Illegal Money Laundering) का मामला प्रकाश में आया है. नामांतरण के नाम पर वसूली कर्मचारी और उसके गुर्गे एक महिला से 50 हजार और एक व्यक्ति से एक लाख 25 हजार रुपए ऐंठ लिये. लेकिन उसके बावजूद भी दाखिल खारिज नहीं किया गया. जिससे परेशान पीड़ित न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं. हालांकि जिलाधिकारी ने माना कि इस संबंध में शिकायत मिली है. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढ़ें- 4 हजार घूस लेते प्रभारी अंचल निरीक्षक गिरफ्तार, निगरानी ने रंगे हाथ दबोचा
प्रदेश में घूसखोर अधिकारी लगाता निगरानी विभाग के हत्थे चढ़ रहे हैं. इसके बावजूद अधिकारियों और कर्मचारियों की घूसखोरी नहीं थम रही है. किशनगंज अंचल में घुसखोरी का भी मामला सामने आया है. जहां आरोप है कि दाखिल खारिज करवाने के लिए कर्मचारी मंजर आलम एवं उसके गुर्गे दिवाकर ने दो लोगों से 1 लाख 75 हजार रूपए वसूल लिये. लेकिन अभी तक उनका काम नहीं किया गया. जिसके बाद पीड़ितों ने मीडिया से न्याय की गुहार लगायी. पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि उसने दो एकड़ जमीन का दाखिल खारिज करवाने के लिए पत्नी के गहने बेच कर 1 लाख 25 हजार रूपए कर्मचारी मंजर आलम को दिया. लेकिन उन्हें अब टहलया जा रहा है. वहीं पीड़ित महिला ने 9 बीघा जमीन का दाखिल खारिज करवाने के लिए 50 हजार रुपया दिवाकर को दिया लेकिन महीनों बीत जाने के बाद उनका काम नहीं किया गया.
'रसीद काटने के लिए कर्मचारी मंजर आलम को 8 महीने पहले पत्नी का जेवर बेचकर एक लाख 25 हजार दिया था. लेकिन अभी तक काम नहीं हुआ.' -हुसैन हैदर, पीड़ित
'दाखिल खारिज के लिए 50 हजार दिया है, फिर भी ऑब्जेक्शन लगा दिया गया है. इस वजह बार-बार आना पड़ रहा है.' -नूर बेगम, पीड़िता