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लॉकडाउन में ऑटो रिक्शा चालकों की स्थिति दयनीय, बैंक लोन बना मुसीबत - कोरोना वायरस

इन दिनों यात्रियों की संख्या कम होने के कारण ऑटो रिक्शा चालक किसी तरह 100 से 150 रु ही रोजाना कमा पा रहे हैं. उन पैसों से यह घर का खर्च चलाएं या बैंक का ब्याज जमा करें, इसे लेकर काफी चिंतित है. ऑटो ड्राइवरों ने लॉकडाउन के दौरान बकाया बैंक लोन माफ करने की मांग की है.

auto rickshaw driver
auto rickshaw driver

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Published : Aug 20, 2020, 8:10 PM IST

Updated : Aug 22, 2020, 4:10 PM IST

किशनगंज: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने ऑटो चालकों के सामने गंभीर समस्या खड़ी कर दी है. कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में किसी तरह के वाहन का परिचालन नहीं हुआ और इनकी आय पूरी तरह बंद हो गई. सरकार ने जब अनलॉक में कुछ छूट दी तो भी इन के हालात बेहतर नहीं हुए. यात्रियों की संख्या नहीं के बराबर होने के कारण आमदनी नहीं हो पा रही है.

खाली पड़े ऑटो

घर चला पाना हो रहा मुश्किल
ऑटो रिक्शा चालकों को अपना घर चला पाना मुश्किल हो रहा है. मौजूदा हालातों में ये चालक घर चलाए या अपने वाहन का ऋण जमा करें इसको लेकर परेशान हैं. ज्यादातर ऑटो चालक अपना बैंक ऋण जमा नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से बैंक इनपर दबाव बना रहे हैं. तमाम परिस्थितियों की वजह से ये चालक मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

यात्रियों की कमी परेशानी का सबब
किशनगंज नगर परिषद क्षेत्र में लगभग 800 से 900 के करीब ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा का परिचालन होता है. घर परिवार चलाने के लिए चालकों ने बैंक से ऋण पर वाहन लिया है. करीब 50 से 80 फीसदी चालक बैंक लोन पर गाड़ी खरीद कर परिचालन कर रहे हैं. 3 महीने बाद जब लॉकडाउन में छूट मिली तब सड़कों पर वाहनों का परिचालन शुरू किया गया. लेकिन, अब यात्रियों की कमी परेशानी का कारण साबित हो रही है.

सवारी के इंतजार में ऑटो चालक

लॉकडाउन में बेरोजगार
किशनगंज के रहने वाले संजय ने बताया कि एक साल पहले बैंक से ऋृण लेकर ऑटो खरीदा था. घर का खर्च चलाने के लिए कोई दूसरा रोजगार नहीं था इस वजह से ऑटो रिक्शा चलाने लगा. अभी कुछ ही महीने चलाया तब तक कोरोना की वजह से पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया था. इससे परिचालन पूरी तरह ठप हो गया और अब एक बार फिर से बेरोजगार होकर घर बैठने को मजबूर हैं.

पुलिस भी करती है परेशान

सरकारी मदद की गुहार
वही इस मामले में किशनगंज ऑटो रिक्शा संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया कि ऑटो रिक्शा चालक सेवक के रूप में दिन-रात लोगों की सेवा में जुटे रहते हैं. लेकिन, लॉकडाउन में इन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिल पाई. इनकी हालात काफी दयनीय होती जा रही है. उन्होंने सरकार से लॉकडाउन अवधि का बैंक ऋृण का ब्याज माफ करने की मांग की.

स्टैंड में खड़े ऑटो
Last Updated : Aug 22, 2020, 4:10 PM IST

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