किशनगंजःकोरोना की तीसरी लहर दस्तक देनेवाली है. इसके बावजूद बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था लचर स्थिति में है. पहले लहर के खत्म होने के बाद से ही चेताया गया था कि तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक साबित होगी. इस पर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी ना के बराबर रही. किशनगंज से इस बात की पुष्टि करती हुई एक दर्दनाक खबर भी सामने आ गई. एक मासूम जिसे इस दुनिया में आंख खोले महज तीन महीने हुए थे, उसने कोरोना से दम तोड़ दिया. स्थिति यह रही कि व्यवस्था ठीक होती, तो बच्ची की जान बच सकती थी.
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बच्चे के माता-पिता नहीं हैं संक्रमित
शुक्रवार की शाम किशनगंज गलगलिया भाड़ा टोला की रहने वाली तीन महीने की बच्ची की कोरोना से मौत हो गई. बच्ची की मां और पिता कोरोना संक्रमित नहीं हैं. जिले में तीन महीने की बच्ची में कोरोना वायरस मिलने और इससे मौत होने का यह पहला मामला है. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अनवार हुसैन ने कोरोना से बच्ची की मौत की पुष्टि की है. उन्हाेंने बताया कि बच्ची की जान बचाने की भरपूर कोशिश की गयी थी.
एंटीजेन किट से हुआ कोरोना टेस्ट
बच्ची के पिता फिरोज आलम ने बताया कि बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. उसे एक प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया गया. उन्होंने सदर अस्पताल रेफर कर दिया. सदर अस्पताल में तीन जून को पहले बच्ची का कोरोना टेस्ट एंटीजेन किट से हुआ. बच्ची कोरोना संक्रमित पाई गई. उसे सदर अस्पताल में ही ऑक्सीजन में रखा गया. उसका ऑक्सीजन लेवल 70 रह रहा था. तबीयत बिगड़ता देख डॉक्टरों ने एनआईसीयू में रखने के लिए जन नायक कर्पूरी चिकित्सा महाविद्यालय मधेपुरा रेफर किया गया.