किशनगंज: किशनगंज में ध्यान फाउंडेशन नामक एनजीओ कार्यरत है. यह एनजीओ ऐसे मवेशियों को पालता है जिन्हें तश्करी के लिए ले जाया जा रहा होता है. प्रशासन इनका रेस्क्यू कर के इस फाउंडेशन को सौंप देती है. ताकि उनके रहने और खाने पीने की अच्छी व्यवस्था हो सके. लेकिन यहां पर इन मवेशियों के खाने पीने की तो छोड़िए, बैठने तक की भी व्यवस्था नहीं रखी गई है. ये बेजुबान मवेशियों को घुटने तक कीचड़ में रखा जाता है. इस वजह से बीमारी बढ़ रही है और इनकी मौत हो रही है.
गौशाला में 10 मवेशियों की मौत दो दिनों में हो चुकी है 10 से भी ज्यादा मौत
इस गौशाला में पिछले 1 माह में दर्जनों मवेशियों की मौत हो चुकी है, और पिछले दो दिनों में 10 से भी ज्यादा मौत हुई है. यहां-वहां पड़ी मवेशियों की लाशों से महामारी फैलने की आशंका बनी हुई है. प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए नोटिस जारी किया है और जांच का आदेश दिया है.
बता दें कि दिल्ली की ध्यान फाउंडेशन ने किशनगंज में गौशाला से ज़मीन लीज़ ली हुई है. तश्करी कर ले जा रहे मवेशियों को रेस्क्यू कर के इसी फाउंडेशन को सौंप दिया जाता है. वहां पर काम कर रहे एक कर्मचारी ने बताया कि मवेशियों को ठीक से खाने को चारा भी नहीं मिलता है और ना ही बीमारी होने पर कोई दवाई उपलब्ध कराई जाती है. जिसकी वजह से इन मवेशियों की दिन प्रतिदिन मौत होती जा रही है.
बरसात से बचने के लिए शेड भी उपलब्ध नहीं है
क्या कहते हैं स्थानीय निवासी
स्थानीय निवासी का कहना है कि यहां जो भी पशु मरते हैं, वो भूख की वजह से और गंदगी में रहने के कारण बीमारी से मरते हैं. अभी 48 घंटे से मवेशी मरे पड़े हैं लेकिन कोई भी उनकी सुध लेने वाला नहीं है. जिसकी वजह से इलाके में दुर्गन्ध से रहना मुश्किल हो गया है. वहीं एनजीओ के हेल्पर गौरव का कहना है कि जब ये मवेशी रेस्क्यू कर के यहां पर लाए जाते हैं तब इनका शरीर बहुत ही कमज़ोर होता है. जिसके बाद हम लोग इनकी देख भाल करते हैं.
खाने पीने की नहीं है व्यवस्था बरसात से बचने के लिए शेड भी उपलब्ध नहीं है
गौशाला के सचिव का कहना है कि हम लोग अपने गौशाला में सिर्फ दूधारू गायों को पालते हैं. बैल या अन्य कोई जानवर हम लोग नहीं रखते. इसी क्रम में ध्यान फाउंडेशन किशनगंज में आई और उन्होंने जिलापदाधिकारी से बात करने के बाद गौशाला की ज़मीन ली पर ले ली. उन्होंने यहां पर ऐसे जानवरों को पालने शुरू कर दिया, जिन्हें तश्करी से रेस्क्यू किया जाता है. ये लोग ऐसे जानवरों को अपने पास रख तो लेते हैं लेकिन कोई साधन या सुविधा नहीं दे पाते हैं. बरसात से बचने के लिए शेड भी प्रयाप्त नहीं है, ना ही उन्हें ठीक से चारा मिलता है. जिसकी वजह से इन बेजुबान मवेशियों की मौत हो रही है.
किशनगंज में दो दिनों में ध्यान फाउंडेशन के गौशाला में 10 मवेशियों की मौत
क्या कहते हैं अधिकारी
वहीं किशनगंज के एसडीओ और गौशाला के अध्यक्ष शाहनवाज अहमद नियाजी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इस फाउंडेशन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्होंने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि यह बहुत ही गंभीर मामला है. हम इस पर तुरंत करवाई करेंगे और जो भी दोषी है, उसे उसकी सजा मिलेगी.