खगड़िया: जिले के गोगरी प्रखंड के अंतर्गत कन्हौली गांव से एक ऐतिहासिक कदम की शुरुआत की गई है. जिसकी हर ओर चर्चा हो रही है. इस गांव में किसी भी अवसर पर पेड़ लगाने की परंपरा है. साथ ही यहां अवसरों पर होने वाले भोजों में प्रयोग किए जाते प्लास्टिक और थर्माकोल की प्लेटों का बहिष्कार किया जाता है. ऐसे में भोज में सिर्फ सखुआ के पत्ते का इस्तेमाल होता है.
खगड़िया: इस गांव के लोग पर्यावरण को लेकर रहते हैं चिंतित, हर अवसर पर करते हैं ये काम
कन्हौली गांव की इस अनोखी पहल की हर ओर प्रशंसा हो रही है. पर्यावरण को लेकर इनका कदम बेहतर कर सकता है, लेकिन यह तब और बेहतर होगा जब आप भी इससे कुछ सीखेंगे.
'पर्यावरण की रक्षा जरूरी'
कन्हौली गांव के लोगों का कहना है कि पर्यावरण की रक्षा करना जरूरी है. इसके अलावा यदि वे किसी अवसर पर पेड़ लगाते हैं, तो वह अवसर उन्हें ताउम्र याद रहेगा. इसलिए उन लोगों ने श्राद्ध, शादी और जन्मदिन जैसे मौके पर फलदार पेड़ लगाना शुरू किया. वहीं, अवसरों पर थर्माकोल की प्लेट और प्लास्टिक के डिस्पोजल ग्लास का इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया है. बदले में सखुआ के पत्ते का प्लेट और स्टील का ग्लास इस्तमाल किया जाता है.
गांव में लगाए गए हैं 100 पेड़
समाज सेवी अभय कुमार बताते हैं कि इस अनोखी पहल की शुरुआत कन्हौली गांव के ग्रामीणों की ओर से की गई है. जिसका नतीजा ये है कि गांव में अब तक करीब 100 पेड़ लगाए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह पहल हर किसी व्यक्ति को करनी चाहिए क्योंकि अब समय आ गया है कि हर कोई पर्यावरण की चिंता करे.