खगड़िया/मधुबनीःबिहार में कोरोना संक्रमण के बीच चुनाव संपन्न कराने की प्रबल संभावनाएं है. चुनाव को लेकर चुनाव आयोग अधिकारियों और अलग-अलग विभाग के कर्मचारियों को ट्रेनिंग दिलवा रहा है. हालांकि, चुनाव को लेकर ट्रेनिंग के दौरान शिक्षकों के कोरोना संक्रमण से मौत होने पर सवाल खड़े होने लगे हैं. शिक्षकों की मौत पर परिजनों ने नाराजगी जताई है. वहीं, विधानसभा चुनाव टालने की मांग की है.
खगड़िया के प्रख्यात साहित्यकार और प्रधानाध्यापक कैलाश किंकर की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. वे विधानसभा चुनाव के लिए मास्टर ट्रेनर थे. चुनावी ड्यूटी के दौरान हैदराबाद से आए इंजीनियर के संपर्क में आने से कैलाश झा की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई. दिवंगत शिक्षक की पत्नी संध्या कुमारी ने बताया कि उनके पति 4 महीने तक घर से नहीं निकले. अचानक उनकी ड्यूटी चुनाव को लेकर लगाई गई. जहां, कोरोना पॉजिटिव होने से उनकी मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा कि इस हालात में सरकार को फिलहाल चुनाव टाल देना चाहिए. वहीं, उनके छोटे बेटे सुमन शेखर ने बताया कि दूसरे देश में चुनाव होने के साथ सुविधाएं भी है जो अपने देश में नहीं उपलब्ध है.
दिवंगत शिक्षक के परिजनों की सरकार को सलाह
कैलाश झा के पुत्र ने आरोप लगाया कि सरकार के पास व्यवस्था रहती तो उनके पिता की मृत्य नहीं होती.अगर इस हालात में हजारों की संख्या में जनता वोट देने बूथ पर जाएगी तो भीड़ एकत्रित होगी. बिहार सरकार कितने लोगों को बचा पाएगी. ऐसे में सरकार जनता के लाशों के ढेर पर सरकार चुनी जाएगी. बता दें कि कैलाश झा किंकर बिहार के जाने माने साहित्यकार थे. उन्होंने हिंदी व अंगिका भाषा में करीब 20 किताब लिखी है. जबकि 6 सौ से ज्यादा लोगों को साहित्यकार की दुनिया में ला चुके हैं. कैलाश झा किंकर बिहार रत्न व बिहार गौरव थे. इन्हें 2005 में बिहार रत्न से सम्मानित किया गया था.