पटना :बिहार में मॉनसून मजबूत होता जा रहा है. जहां एक ओर लोगों को गर्मी से राहत मिल रही है. वहीं कई जिलों में आसमानी कहर लोगों पर टूट रहा है. शनिवार बिहार के दो जिलों में वज्रपात से 5 लोगों की मौत (Thunderstorm in Bihar) हो गयी है. इधर मौसम विभाग पटना ने 7 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है.
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वैशाली में वज्रपात से 3 की मौत :आकाशीय बिजली (ठनका) गिरने से दो नाबालिक बच्चों सहित 3 लोगों की मौत हो गयी है. आम चुनने के दौरान हादसा हुआ. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है. बराटी सहायक थाना क्षेत्र के अंधरवारा पंचायत अंतर्गत अजमतपुर की यह घटना है. इसमें 5 लोग जख्मी भी हुए हैं. जिन्हें राघोपुर पीएचसी में भर्ती कराया गया. यहां से गंभीर 3 लोगों को पटना रेफर कर दिया गया.
खगड़िया में ठनका गिरने से मां बेटी की मौत :खगड़िया जिले के चौथम थाना क्षेत्र के शोहरवा गांव में वज्रपात से मां और बेटी की मौत हो गई है, मृतक महिला और उसकी 11 साल की बेटी खेत में मक्का का जलावन इक्कठा कर रही थी. उसी दोरान अचानक आसमानी बिजली की चपेट में आने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतकों की शिनाख्त घोघल चौधरी और उसकी बेटी के रूप में हुई है. घटना की सूचना मिलने पर ग्रामीणों ने शव को उठाकर मृतक के घर पर लाया. शव को देखते ही घर में कोहराम मच गया. स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा तत्काल पुलिस और प्रशासन को घटना की सूचना दी गयी.
7 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट :इधर, मौसम विभाग पटना ने 7 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. नालंदा, भागलपुर, सहरसा, मधेपुरा, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल के लिए यह अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से हवा चलने के साथ-साथ तेज बारिश और वज्रपात की संभावना व्यक्त की गयी है. लोगों को बहार नहीं निकलने और पक्के मकान में रहने की सलाह दी गयी है.
ब्लू अलर्ट (Blue Alert):जिन इलाकों में बारिश की संभावना होती है उसके लिए मौसम विभाग ब्लू अलर्ट जारी करता है. इस दौरान जिले के कई इलाकों में गरज के साथ बारिश के आसार की चेतावनी होती है.
येलो अलर्ट (Yellow Alert): भारी बारिश, तूफान, बाढ़ या ऐसी प्राकृतिक आपदा से पहले लोगों को सचेत करने के लिए मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है. इस चेतावनी का मतलब है कि 7.5 से 15 मिमी की भारी बारिश होने की संभावना है. अलर्ट जारी होने के कुछ घंटों तक बारिश जारी रहने की संभावना रहती है. बाढ़ आने की आशंका भी रहती है.
ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert):चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की आशंका होती है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है. ऐसे में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है. जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है, येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है. ऑरेंज अलर्ट में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है.
रेड अलर्ट (Red Alert): जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है. जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है तो मौसम विभाग की ओर से तूफान की रेंज में पड़ने वाले इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है. ऐसे में प्रशासन से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाता है.
ग्रीन अलर्ट (Green Alert):कई बार विभाग मौसमी बदलावों की संभावना पर ग्रीन अलर्ट की घोषणा करता है. हालांकि, बारिश तो होगी लेकिन वह सामान्य स्थिति रहेगी. यानी संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है.
बिजली गिरने पर क्या करेंःसिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है. दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें. पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं. जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें. घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें. बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.