खगड़ियाः राज्य में कई ऐसे स्थल हैं, जो डेवलपमेंट के अभाव में जीर्ण-शीर्ण पड़े हुए हैं. लोग इनके जीणोद्धार का इंतजार कर रहे हैं. जिससे इन्हें पर्यटक स्थलों में शामिल किया जा सके और कई लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा. कुछ ऐसा ही हाल जिले के केसरिया धार झील है. जो 11 किलोमीटर तक फैला है और तीन प्रखंडों के बीच स्थित है.
खगड़िया के स्थानीय लोग गोगरी, मानसी और चौथम प्रखंड के बीच फैले इस झील को पर्यटक स्थल बनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि 90 के दशक में केसरिया धार झील को पर्यटन स्थल बनाने की एक सुगबुगाहट उठी थी. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहल पर 1990 में छोटी मोटी प्रगति दिखाई गई, लेकिन फिर ये ठंडे बस्ते में डाल दी गई.
रोजगार मिलने की संभावना
केसरिया धार झील के किनारे राज दरबार नाम से एक अतिथि गृह भी है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह बाहर से आए अतिथियों के ठहरने के लिए बनाया गया था. लेकिन अब इसकी भी स्थिति ठीक नहीं है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर इस झील को पर्यटन स्थल बना दिया जाए तो तीनों प्रखंड के कई युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना होगी.
केसरिया धार झील की स्थिति सैकड़ों साल पुरानी झील
गांव के मुखिया ललित साह ने बताया कि ये झील सैकड़ों साल पुरानी है. हालांकि ये कबसे है इसका पता किसी को नहीं है. उन्होंने बताया कि ये झील आज तक किसी परिस्थिति में सूखी नहीं है. मुखिया ने बताया कि इसे पर्यटन स्थल बनाने की मांग कबसे की जा रही है, लेकिन जब तक हमलोग धरना प्रदर्शन नहीं करते जिला प्रशासन खुद से कोई काम नहीं करता है.
मॉनसून तक जिर्णोद्धार
वहीं, सम्बंधित विभाग के अधिकारी ने ऑफ कैमरा बताया कि झील को पर्यटन स्थल बनाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है. आने वाले मॉनसून तक जिर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया जाएगा और बहुत जल्द इसे पर्यटन स्थल बनाया जाएगा.