खगड़िया: जिले के लगभग सभी प्रखंडो में पंचायत भवन बनकर तैयार हैं. लाखों के उपकरण भी लग चुके हैं. इसके बावजूद भी पंचायत भवन में कामकाज शुरू नहीं हुआ है. पंचायत भवन के बजाय मुखिया के घर से ही पंचायतचल रही है.
सरकारी आदेश की अनदेखी
सरकार ने ग्राम पंचायत कार्यालय में प्रतिदिन मुखिया,पंचायत सचिव और पंचायत रोजगार सेवक के लिए बैठना अनिवार्य कर दिया है. पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव ने आदेश भी जारी किया था. सभी पंचायतों को निर्देश दिया था कि ग्राम पंचायत कार्यालयों में आवेदन प्राप्त करने के लिए एक काउंटर स्थापित किया जाये.
कहां का है मामला
यही नहीं ग्राम पंचायत कार्यालय आने वाले आंगतुकों के लिए कम से कम 20 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाय. ऐसा ही एक मामला जिले के अलौली प्रखण्ड के चांदपुर खुर्द पंचायत का है.
घर से चलती है पंचायत
जहां मुखिया और सचिव अपने घर पर बैठ कर ही पंचायती सरकार चला रहे हैं. वहीं ग्रामीणोंका कहना है कि पंचायत भवन के चालू नहीं होने की वजह से मुखिया और सचिव के घर के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. लोगो का कहना है कि अगर भवन में सरकारी सचिव, कर्मचारी, पीआरएस नियमित रूप से बैठने लगे तो पंचायत सरकार का उद्देश्य पूरा हो सकता है.
सरकारी भवन में नहीं बैठते हैं मुखिया
चनादपुर खुर्द में सरकार ने भवन बना कर दे दिया है, उद्घाटन भी हो गया है. 5 लाख की लागत से कुर्सी, टेबल, आलमीरा सहित अन्य सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है. इसके बावजूद सरकारी भवन में कोई कर्मचारी नहीं बैठता है.
मुखिया की सफाई
वही मुखिया जी का कहना है को नई पंचायत भवन बनी है वो पंचायत से अलग में है इसलिए वहां बैठ कर लोगो की समस्या नहीं सुलझा पाते हैं. जो पहले का पंचायत भवन हैं वो पंचायत के बीचों बीच में पड़ता है. यहां लोग आसानी से पहुंच जाते हैं.