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खगड़िया: सरकारी उदासीनता की शिकार ऐतिहासिक झील, पर्यटक स्थल बनाने की मांग पकड़ रही जोर - lake should be tourist spot

खगड़िया के चौथम प्रखंड में 11 किलोमीटर फैले केसरिया धार झील को पर्यटक स्थल बनाने की मांग जोरों पर है. यह झील सरकार की उदासीनता का शिकार है. हालांकि, जिलाधिकारी ने इसके जीर्णोद्धार की बात कही है.

केसरिया धार झील

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Published : Aug 13, 2019, 6:09 PM IST

खगड़िया: जिले के गोगरी, मानसी और चौथम प्रखंडों के बीच 11 किलोमीटर में फैला केसरिया धार झील को पर्यटक स्थल बनाने की मांग जोरों पर है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इस झील को पर्यटक स्थल बना दिया जाए तो हजारों युवाओं को रोजगार मिल सकता है. जानकार कहते हैं कि 90 के दशक में इसे पर्यटक स्थल बनाने को लेकर एक बार सुगबुगाहट उठी थी. लेकिन अबतक यह झील सरकारी उदासीनता की शिकार है.

जिला अधिकारी ने रखा झील के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव

जानकार कहते हैं कि रामविलास पासवान की पहल पर इस झील के लिए 1990 में थोड़ी सी प्रगति दिखाई दी थी. लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.

जिला प्रशासन के खिलाफ गुस्सा
झील के किनारे एक राज दरबार नाम से अतिथि गृह भी है. जहां बाहर से आए लोगों के ठहरने का प्रबंध किया जाना था. लेकिन इस अतिथि गृह की भी हालत खराब है. जब ईटीवी भारत ने इस झील के गुमनामी पर स्टोरी करनी शुरू की तो इसे पर्यटक स्थल बनाने की मांग जोर पकड़ती दिखी. ग्रामीणों में जिला प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है. ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन कोई काम खुद की मर्जी से नहीं करता. जबतक हमलोग धरना प्रदर्शन ना करें.

झील के जीर्णोद्धार की मांग करते लोग

कभी नहीं सूखती है यह झील
केसरिया धार के बारे में यहां के लोगों का कहना है कि यह झील सैकड़ों साल पुरानी है. यह कब से है इसकी किसी को नहीं है. इतना जरूर है कि यह झील सैकड़ों साल से वजूद में है. वहीं, ग्रामीणों ने ये भी कहा कि चाहे सारी नदियां सूख जाएं, लेकिन यह झील आजतक कभी नहीं सूखी है.

खगड़िया का ऐतिहासिक केसरिया धार झील

पर्यटक स्थल बनाने का प्रस्ताव भेजा गया हैः DM
वहीं, जिला अधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि झील का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है. झील को पर्यटक स्थल बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है. बरसात खत्म होते ही इसके जीर्णोद्धार पे काम किया जाएगा और बहुत जल्द इसे पर्यटक स्थल बनाया जाएगा.

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