खगड़िया: प्रदेश की सरकार किसानों की दशा सुधारने के लिए सिंचाई की उत्तम व्यवस्था के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर कई योजनाओं को चला रही है. लेकिन ये योजनाएं धरातल तक पहुंचने से पहले ही कहीं गुम हो जाती हैं, जिस वजह से किसानों की दशा में आज तक कोई सुधार नहीं हो सका है.
दरअसल, मामला जिले के खैरी-खुटहा पंचायत का है, जहां सिंचाई के लिए एक भी सरकारी नलकूप नहीं है. जिस वजह से किसानों को सरकार की ओर से चलाई जाने वाली सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
पूरे जिले में है 181 नलकूप
जानकारी के अनुसार जिले में लगभग 181 नलकूप हैं, लेकिन बेलदौर प्रखंड और खैरी खुटहा पंचायत में एक भी नलकूप नहीं है. जिस वजह से इस पंचायत के सैकड़ों किसानों को खेती करने के लिए पैसे देकर किराए से पटवन करना पड़ता है.
'कर्ज लेकर कर रहे हैं खेती '
इस बाबात स्थानीय किसान बताते हैं कि रवि फसल की बुआई का समय चल रह है. किसानों को हर तरफ पटवन के लिए सिंचाई की आवश्यकता है. प्रखंड में एक भी सरकारी नलकूप नहीं है. जिस वजह से निजी पंप सेट मालिक को 200 रुपया प्रति घंटा पटवन के लिए देते हैं. किसानों को 1 एकड़ जमीन का पटवन करने में 30 घंटे से ज्यादा का समय लगता है. ऐसे में पटवन करने में 36 सौ रुपये से ज्यादा की लागत आती है. कर्ज लेकर हर साल खेती करते हैं, लेकिन हालात सुधरने के बजाय दिन-प्रतिदिन बदतर होते जा रहे हैं.