खगड़िया: जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना लॉन्च कर गरीबों के इलाज का जिम्मा उठाया है, तो वहीं पटना के आईजीआईएमएस ने इस स्कीम को नजरअंदाज कर दिया है. हद तो तब हो गई जब स्वास्थ्य मंत्री के कार्डधारक की सिफारिश करने के बावजूद अस्पताल ने उन्हें ठेंगे पर रखा.
पर्चियां दिखाता पीड़ित मरीज पहले भर्ती कर लिया
दरअसल आईजीएमएस में लीवर का इलाज कराने पहुंचे एक मरीज को पहले तो भर्ती कर लिया गया, लेकिन आयुष्मान भारत योजना के तहत बने गोल्डन कार्ड की कॉपी लगाने पर उसे बाहर कर दिया गया. जिसके बाद मरीज 4 दिनों तक अस्पताल के बाहर ही पड़ा रहा लेकिन उसे बेड अलॉट नहीं किया गया.
आयुष्मान भारत का बना मजाक
मरीज खगड़िया का रहने वाला है. उसका नाम है चंदन दास, उसने बताया कि आईजीआईएमएस में पहले तो भर्ती कर लिया गया, लेकिन बाद में आयुष्मान भारत का गोल्डेन कार्डधारक होने पर उसे बाहर कर दिया गया और अस्पताल में बेड खाली नहीं होने का बहाना बना दिया गया.
स्वास्थ्य मंत्री की सिफारिश भी नहीं आई काम
मरीज चंदन ने बताया कि इस मामले को लेकर वह स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के यहां गया. वहां पर मंगल पांडे के पीए संदीप उपाध्याय ने एक पर्ची पर लिखकर अस्पताल को संदेश भेजा कि मरीज का बेहतर इलाज और उचित सुविधा दी जाये, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इस संदेश को भी सिरे से खारिज कर दिया.
निराश होकर घर लौटा मरीज
पीड़ित ने बताया कि वह अस्पताल के बाहर गेट पर सड़क के किनारे खुले आसमान के नीचे 4 दिन और 4 रात पड़ा रहा, और लगातार अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों से गुहार लगाता रहा लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उसकी एक ना सुनी. जिसके बाद परेशान होकर वह अपने परिजनों के साथ वापस घर लौट गया.