खगड़िया:जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में हुए ग्रेनेड विस्फोट में खगड़िया के परबता प्रखंड के नयागांव शिरोमणि टोला के रहने वाले कैप्टन आनंद शहीद (Anand Kumar Martyred In Jammu Kashmir) हो गए. कैप्टन के शहीद होने की खबर जैसे ही गांव में पहुंची. इलाके में सन्नाटा पसर गया. गांव के लोगों को शहीद होने की खबर पर विश्वास ही नहीं हो रहा है. वहीं कैप्टन आनंद के परिवार में कोहराम मचा हुआ है. शहीद के मां और पिता अब गांव पहुंचे हैं. गांव का माहौल गमगीन है और हर कोई आनंद को याद कर रहा है.
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कैप्टन के शहीद होने की खबर लगते ही गांव में मातम: कैप्टन आनंद बीते दस जुलाई को छुट्टी समाप्त होने के बाद ड्यूटी पर गये थे. एक सप्ताह में जैसे ही आनंद के परिवार के लोगों को उसके शहीद होने की सूचना मिली, घर परिवार में कोहराम मच गया. शहीद की मां चीख-चीख कर कह रही है कि 'अब कौन मेरा आंचल पकड़ेगा' इतना बोलते-बोलते वो रोते-रोते बेहोश हो जा रही हैं. कैप्टन के शहीद होने की खबर गांव में फैलने के साथ ही गांव के लोग कैप्टन के घर पर इकट्ठा होने लगे हैं. लोगों को इस खबर पर तनिक भी विश्वास नहीं हो रहा है. क्योंकि आठ दिन पहले ही उसे लोगों ने देखा था.
गृह प्रवेश प्रवेश कर 10 जुलाई को गया था ड्यूटी पर:दस दिन पहले गांव में गृह प्रवेश हुआ था, जिसमें घर के सभी सदस्य शामिल हुए थे. इसी में शामिल होने के लिए आनंद भी आए थे. जहां परिवार और आसपास के लोगों से बहुत दिनों बाद मिलने का मौका मिला था. आनन्द काफी मिलनसार थे और बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार थे. आनंद के पिता मधुकर सनगही बिहार पुलिस में दारोगा हैं और वर्तमान में वह राजगीर पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में तैनात हैं.
बोकारो से ही एनडीए में हुआ था शामिल: शहीद आनंद की प्रारंभिक शिक्षा भागलपुर जिले से हुई थी. वहां से निकलने के बाद आनंद बोकारो से इन्टर की परीक्षा पास किए थे. साल 2015 में एनडीए में सफल होने के बाद 2019 में आईएमए (IMA) से पास आउट होने के बाद वो लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हुए थे. शहीद आनंद दो भाईयों में सबसे बड़े थे. एनडीए में पास करने के बाद वह कैप्टन बने थे. गांव वालों को विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनके बीच से एक अच्छा दोस्त, भाई या रिश्तेदार चल गया.