खगड़िया: कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी को लेकर पूरे देश के साथ खगड़िया जिला भी अलर्ट पर है. इसी क्रम में सदर अस्पताल की कुछ ऐसी बानगी सामने आई है जिससे जिला प्रशासन की पोल खुल गई. अस्पताल की स्थिति इन दिनों बेहद खराब हो गई है. सदर अस्पताल के 2 वार्डों में 5 बेड कोरोना वायरस के मरीजों के लिए बनाया गया है. जिसमें सभी तरह की तत्कालीन दवाइयों की व्यवस्था की गई है. वहीं, इसके उलट अस्पताल परिसर में ढ़ेरों गंदगी और जलजमाव के कारण मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
खगड़िया सदर अस्पताल बना 'डंपिंग यार्ड', यहां मरीज को नहीं अस्पताल को है इलाज की जरूरत!
अस्पताल में सफाई व्यवस्था के नियमित संचालन के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से निकाला गया टेंडर अब तक फाइनल नहीं हो पाया है. जिस कारण अस्पताल में जगह-जगह कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है. मामले में मरीज के परिजनों ने बताया कि अस्पताल परिसर में ही डंपिंग यार्ड बनाया गया है. जहांं, अस्पताल का सारा कूड़ा फेंका जाता है.
सदर अस्पताल की स्थिति खराब
एक तरफ राज्य सरकार और जिला प्रसाशन की ओर से कोरोना वायरस को लेकर प्रतिदिन कोई ना कोई रणनीति बनाई जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ सदर अस्पताल की मौजूदा स्थिति बदतर हाल में है. अस्पताल में सफाई व्यवस्था के नियमित संचालन के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से निकाला गया टेंडर अब तक फाइनल नहीं हो पाया है. जिस कारण अस्पताल में जगह-जगह कूड़े-कचरे का अंबार लगा हुआ है. मामले में मरीज के परिजनों ने बताया कि अस्पताल परिसर में ही डंपिंग यार्ड बनाया गया है. जहांं अस्पताल का सारा कूड़ा फेंका जाता है.
मरीजों को हो रही परेशानी
साथ ही उन्होंने बताया कि अस्पताल में ही जगह-जगह बहती खुली नालियों के पानी का जलजमाव भी बिमारियों को आमंत्रित करती है. अस्पताल परिसर में बने पानी का बेसिन और शौचालय भी जर्जर हाल में है. आक्रोशित परिजनों ने कहा कि सदर अस्पताल भगवान भरोसे ही चल रहा है. वहीं, जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने कहा कि अस्पताल का निरीक्षण किया जाएगा. जो भी समस्याएं सामने आएंगी उसको दूर किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत जल्द परिसर की गंदगी को मुक्त कर दिया जाएगा.