खगड़िया: जिला कालाजार मुक्त हो चुका है. इस बबात सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल का कहना है कि जिले में इस बीमारी को खत्म करना एक चुनौतीपुर्ण कार्य था. लेकिन जिले में लगातार कालाजार से संबंधित योजनाओं को सफलतापूर्वक संचालित कर और लोगों के बीच जागरूकता फैला कर इस घातक बीमारी पर जीत पाने में हम सफल हुए हैं.
जिला में पूर्व में चलाया गया कालाजार अभियान जिले में मात्र 20 कालाजार रोगी है
कालाजार जैसी खतरनाक बीमारी से जिले में जहां पहले हर साल 200 से 300 कालाजार के मरीज पाए जाते थे. वह अब यह संख्या घटकर मात्र 20 रह गई है. सिविल सर्जन का कहना है कि कालाजार से लड़ने के लिए बिहार और केंद्र सरकार दोनों की ओर से योजनाए चलाई जाती है. जहां केंद्र सरकार के तरफ से राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जाता है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना चलाई जाती है.
सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल क्या है कालाजार
कालाजार एक संक्रमण बीमारी है जो परजीवी लिश्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है. कालाजार का परजीवी बालू मक्खी के कारण फैलता है. इस परजीवी का जीवन चक्र मनुष्य और बालू मक्खी के ऊपर निर्भर करता है. यह परजीवी अपने जीवन का ज्यादातर समय मनुष्यों के शरीर में रहकर बिताता है. बालू मक्खी कम रौशनी वाली और नम जगहों- जैसे कि मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों तथा नम मिट्टी में रहती है.
खगड़िया जिला हुआ कालाजार मुक्त कैसे करेंकालाजार को नियंत्रित
- अपने घरों की भीतरी दीवारों और मवेशी रहने वाले जगहों पर कीटनाशक का छिड़काव कराएं.
- अपने आस-पास स्वच्छता रखें
- मच्छरदानी का प्रयोग करें
- पूरे कपड़े पहन कर शरीर को ढ़के रखें
- ज्यादा दिन तक बुखार रहने पर फौरन जांच नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच करवांए