खगड़िया: एक तरफ बिहार सरकार सूबे में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के बड़े-बड़े दावे कर रही है. दूसरी तरफ जिले के एक मात्र आयुर्वेदिक अस्पताल की स्थिति इसके पोल खोल रही है. आलम यह है कि यहां के मरीज डॉक्टरों की के कारण दरबदर भटक रहे हैं.
जिले का एक मात्र आयुर्वेदिक अस्पताल जर्जर भवन में संचालित हो रहा है. यहां न डॉक्टर है, न कंपाउंडर और नहीं दवाई की सुविधा. ईटीवी भारत की टीम जब इस अस्पताल में पहुंची तो पूरा अस्पताल अस्त-व्यस्त मिला.
खाली हाथ वापस लौटते हैं मरीज
खगड़िया से ईटीवी भारत की रिपोर्ट यहां मौजूद कंपाउंडर ने बताया कि अस्पताल के पास अपना भवन नहीं है. इसके लिए कई बार संबंधित अधिकारियों को लिखित आवेदन भी दिया गया है. लेकिन अब तक इसपर किसी की सुनवाई नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में हर दिन 60 से 70 मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. लेकिन मरीजों को डॉक्टर के नहीं रहने का हवाला देकर वापस लौटा दिया जाता है.
क्या कहते हैं जिला अधिकारी
वहीं, इस मामले में जिला अधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने कहा कि अस्पताल को जल्द ही नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा. साथ ही यहां जो भी डॉक्टर नदारद रहते हैं, उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.