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लाखों की किताबें बनी शोभा की वस्तु, 3 साल बीतने के बाद भी नहीं हो रहा इस्तेमाल - wrost librarry system in rampur middle school

लाइब्रेरियन के नहीं होने के कारण छात्रों को किताबें देने और वापस लेने में परेशानी होती है. इसलिए स्कूल के प्रिंसिपल खुद किताबों को सहेजकर रखते हैं.

डिजाइन फोटो
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Published : Dec 8, 2019, 8:14 PM IST

कटिहार: बिहार में शिक्षा व्यवस्था का हाल किसी से छुपा नहीं है. कटिहार के रामपुर मध्य विद्यालय में विधायक निधि के माध्यम से लाखों रुपये की किताबें खरीदी गई. लेकिन, लाइब्रेरियन के अभाव के करण ये किताबें महज शोभा बनकर रह गई हैं. तीन साल गुजरने के बाद भी छात्र इन किताबों का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं.

दरअसल, लाइब्रेरियन के नहीं होने के कारण छात्रों को किताबें देने और वापस लेने में परेशानी होती है. इसलिए स्कूल के प्रिंसिपल खुद किताबों को सहेजकर रखते हैं.

कटिहार से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

प्रिंसिपल ने दी जानकारी
प्रिंसिपल मुर्तजा अली ने बताया कि विधायक निधि से स्कूल में किताब और आलमारी खरीदा गया. लेकिन लाइब्रेरियन की कमी के कारण काफी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि जब उनके पास समय रहता है तो वह खुद बच्चों को किताबें देते हैं. लेकिन, समय के अभाव में काफी मुश्किल हो जाता है. प्रिंसिपल मुर्तजा अली ने कहा कि स्कूल में जब शिक्षकों का अभाव है तो लाब्रेरियन की नियुक्ति कहां से होगी? वहीं, कांग्रेस विधायक पूनम पासवान ने कहा कि विधायक का काम होता है फंड पास करवाना. लेकिन, लाइब्रेरियन की पोस्टिंग करना सरकार कि जिम्मेदारी है.

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