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30 साल पहले बाढ़ में बह गया लकड़ी का पुल, अब चचरी पुल के आसरे कट रही जिंदगी - कटिहार समाचार

कटिहार जिले के नावाडीह गांव में पिछले 30 सालों से पुल का निर्माण नहीं कराया गया. इसके कारण ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर बांस से बनाए गए पुल से आना-जाना पड़ता है. इस समस्या को लेकर कई बार विधायक से शिकायत की गई, लेकिन अब तक समाधान नहीं निकल सका.

villagers facing problem without bridge
बांस के पुल से जाने को मजबूर ग्रामीण

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Published : Jul 23, 2020, 8:26 AM IST

कटिहार:बिहार सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी कई हिस्सों में सड़क और पुल का निर्माण नहीं किया गया है. इस कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल जिले के बरारी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नावाडीह गांव के लोग आज भी चचरी पुल के सहारे प्रखंड मुख्यालय जाने को मजबूर हैं.

30 पहले हुआ करता था पुल
इस इलाके में लगभग 5000 से भी अधिक लोग बसे हुए हैं. करीब 30 साल पहले यहां पर एक लकड़ी का पुल हुआ करता था, लेकिन बाढ़ के पानी में वह लकड़ी का पुल बह गया. तब से लेकर आज तक स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने यहां पुल का निर्माण कराना जरूरी नहीं समझा.

समस्याओं को किया जा रहा नजरअंदाज
राजद के नीरज यादव पिछले पांच साल से इस इलाके के विधायक हैं. लोगों ने इस समस्या से निजात पाने के लिए कई बार उन्हें लिखित आवेदन के साथ मौखिक रूप से कहा है. लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी इस इलाके के लोग रोड और पुल से पूरी तरह वंचित हैं. ग्रामीण जान जोखिम में डालकर चचरी पुल के सहारे आवागमन करने को मजबूर हैं.

वोट का किया जाएगा बहिष्कार
स्थानीय लोगों का कहना है कि आपसी सहयोग से 100 फुट लंबा चचरी पुल का निर्माण प्रत्येक साल किया जाता हैं, लेकिन इस चचरी पुल से आवागमन में बच्चे, बुजुर्ग और रोगियों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है. वहीं लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से पहले इस पुल का निर्माण नहीं कराया गया तो, चुनाव में वोट का बहिष्कार कर दिया जाएगा.

विकास के नाम पर खानापूर्ति
स्थानीय राजद विधायक नीरज यादव इलाके में विकास की बात कहते हैं, लेकिन आज भी बरारी विधानसभा क्षेत्र में कई ऐसे गांव हैं जो विकास से पूरी तरह वंचित है. अब ऐसे में देखने वाली बात यह होगी कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले क्या इस इलाके के लोगों को पुल और सड़क नसीब हो पाता है या नहीं.

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