बिहार

bihar

ETV Bharat / state

आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहा कटिहार का गांव जल्ला हरिरामपुर - Atmanirbharta

कटिहार जिले का एक गांव आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रहा है. गांव की हर महिला रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बन गई है. कुटीर और लघु उद्योग के माध्यम से घर में झाड़ू, पेड़ा, पेठा, जूट के सामान और केले के तने से चटाई, पर्दा, गमछा आदि बनाती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहे हैं. देखिए ये रिपोर्ट.

कटिहार
कटिहार

By

Published : Mar 29, 2021, 4:18 PM IST

Updated : Mar 29, 2021, 5:22 PM IST

कटिहार:जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर प्राणपुर प्रखंड में एक गांव जल्ला हरिरामपुर पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारतके सपने को साकार कर रहा है. यहां की आबादी लगभग 1500 है. लेकिन यहां कि खास बात यह है कि इस गांव की अधिकांश महिलाएं आत्मनिर्भर हैं. हम आत्मनिर्भर की बात इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि यहां की महिलाएं खेती बारी संभालने के साथ-साथ कुटीर उद्योग के माध्यम से रोजाना 200 रुपए कमाकर अपना घर-परिवार चला रही हैं.

ये भी पढ़ें-ऐसे होती थी लालू यादव की 'कुर्ता फाड़' होली, तस्वीरें देखकर यादें होंगी ताजा

कटिहार का 'आत्मनिर्भर गांव'
गांव के आत्मनिर्भर बनने की कहानी जनवरी 2021 महीने से शुरू हुई है. गांव के अधिकांश परिवार खेती पर निर्भर हैं. मगर इस इलाके में बाढ़ के कारण उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ता है. महज 50 मीटर की दूरी पर महानंदा नदी है और नदी के किनारे ही यह गांव बसा हुआ है. यह गांव देखने में देश के अन्य गांवों की तरह है. लेकिन, यहां के लोग बेहद खास है.

रोजगार से जुड़ी गांव की हर महिला

यहां हर घर में हुनरमंद लोग
इस गांव के महिलाओं के हाथ में जो हुनर है, वह इन्हें देश के बाकी गांव से अलग करता है. यहां के हर घर में हुनरमंद लोग मिलते हैं. चाहे झाड़ू बनाना हो या केले के तने से रेशा निकालकर उसका सामान बनाना (तौलिया, गमछा, डोरमेट आदि), चाहे दूध के प्रोडक्ट (पनीर, पेड़ा, मिल्क केक, दूध, दही) बनाना हो या फिर जूट से चटाई, पर्दा आदि बनाना हो, यहां हर महिलाओं के हाथ में हुनर है.

ये भी पढ़ें-होली में पवन, खेसारी और अक्षरा के गाने मचा रहे धमाल

''एफपीओ के माध्यम से कई तरह के सामान बनाने का प्रशिक्षण लिया है और उसी का नतीजा है कि आज हम महिलाएं गांव में कुटीर उद्योग के माध्यम से कई तरह के सामान बना रही हैं. उसके तहत हम महीने के 6000 रुपये कमा कर अपना घर-परिवार चला रहे हैं''- कविता देवी, स्थानीय महिला

यहां हर घर में हुनरमंद लोग

आत्मनिर्भरता बना मूलमंत्र
पीएम नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भरता के मूल मंत्र को इस गांव के लोग साकार करते दिख रहे हैं. कृषि विज्ञान केंद्र की मदद से प्राणपुर प्रखंड क्षेत्र में एक एफपीओ बनाया गया है, जिसमें 20 लोगों के 30 समूह बनाए गए हैं. एफपीओ के माध्यम से गांव के महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को लघु और कुटीर उद्योग के माध्यम से रोजगार दिया गया है. इसी के तहत हरिरामपुर गांव की करीब 400 महिलाएं इससे जुड़कर अपनी रोजी-रोटी चला रही हैं.

प्राणपुर प्रखंड का गांव जल्ला हरिरामपुर

''20 लोगों के 30 समूह बनाकर छोटे-छोटे रोजगार दे रखे हैं. इससे महिलाएं रोजगार करने के साथ ही हुनर भी सीख रही हैं. इसके बदले उन्हें महीने के 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दी जाती है''- आनंद शर्मा, एफपीओ डायरेक्टर

ये भी पढ़ें-होली स्पेशल 2021: 'रंग बरसे' से लेकर 'बलम पिचकारी' तक इन गानों से रंगीन बनती है होली

रोजगार से जुड़ी गांव की हर महिला
गांव की सभी महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त हैं. इन्हें झाड़ू, पेड़ा, पेठा, केले के तने से रेशा निकालकर उसका सामान बनाना, चटाई, गमछा और जूट के समान और भी कई तरह के सामान बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है. प्रशिक्षण लेने के बाद अब महिलाएं इन सामानों को अपने घर में बैठकर बनाती हैं और उसे एफपीओ में जमा कर देती हैं. उसके बदले महिलाओं को 200 रुपए प्रतिदिन दिए जाते हैं. जिससे वह अपना घर परिवार चलाती हैं.

Last Updated : Mar 29, 2021, 5:22 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details