कटिहार:संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के सिविल सेवा परीक्षा-2020 में टॉप स्थान हासिल करने वाले शुभम कुमार (UPSC Topper Shubham Kumar) अपने घर कटिहार पहुंचे. गांव पहुंचने पर शुभम का जोरदार स्वागत किया गया. जहां से गांव की सीमा शुरू होती है, दोनों ओर हजारों की तादाद में ग्रामीण फूलमाला लेकर स्वागत में खड़े थे.
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यह जो आप तस्वीर देख रहे हैं, कदवा प्रखंड के कुम्हरी गांव की है. संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अपना डंका बजाने वाले आईएएस टॉपर शुभम कुमार पहली बार परीक्षा परिणाम निकलने के बाद अपने गांव पहुंचे. इस मौके पर ग्रामीणों ने शुभम का जोरदार स्वागत किया गया.
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शुभम के स्वागत में बैंडबाजा वालों ने खूब स्वागत धुन बजाये. इस स्वागत भीड़ में शुभम के साथ उसके पिता देवानंद सिंह भी साथ-साथ चलते नजर आए. शुभम का काफिला जैसे ही घर के चौखट के समीप पहुंचा महिलाओं ने शंख बजाकर शुभम का स्वागत किया.
बता दें कि शुभम ने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता, परिवार के सदस्यों और अपने दोस्तों को दिया है. शुभम ने बताया कि इस कामयाबी में उनकी बड़ी बहन ने बहुत सपोर्ट किया. उनकी दीदी इंदौर में साइंटिफिक ऑफिसर हैं और इस तैयारी में अकसर मोटिवेट करती थीं. घर से पूरा समर्थन मिला.
शुभम ने कहा, 'यह बस एक शुरुआत है. मुझे जो भी पोजीशन और रिस्पॉन्सिबिलिटी मिलेगी उसपर काम करूंगा. खास तौर पर अगर मुझे रूरल डेवलपमेंट के लिए काम करने का मौका मिलेगा तो वह मेरे लिए सौभाग्यशाली होगा.' मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आपको बधाई दी है. कैसा महसूस कर रहे हैं? इस सवाल पर शुभम ने कहा, 'आज मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. मुझे जो लोग बधाई दे रहे हैं मैं उनका शुक्रगुजार हूं.'
पिछले वर्ष भी शुभम ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. उन्हें 290 रैंक मिली थी. इससे वह संतुष्ट नहीं हुए थे और दोबारा परीक्षा में शामिल होकर सर्वोच्च स्थान हासिल किया. उनके पिता देवानंद सिंह पूर्णिया में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक हैं.
आईएएस टॉपर शुभम कुमार कटिहार के कुम्हरी इलाके के रहने वाले हैं. शुभम ने 10वीं तक की पढ़ाई विद्या विहार रेसिडेंशियल स्कूल पूर्णिया से की. 12वीं की पढ़ाई चिन्मया विद्यालय बोकारो से की और 96 प्रतिशत अंक से वे उत्तीर्ण भी हुए. 12वीं के बाद उन्होंने आईआईटी मुम्बई से सिविल इंजीनियरिग की. फिर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि, कोविड के कारण बीते साल तैयारी नहीं कर पाया था, अकेला पड़ गया, वहीं दोस्त कम हो गए किसी से बात नहीं कर पाया था, इसलिए एक कमरे में बंद होकर तैयारी करने जैसा था.