कटिहार: कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में जारी है. इसको लेकर देश में 3 मई तक लॉक डाउन घोषित है. लॉक डाउन से सभी व्यापार और कारोबार स्थगित है. वहीं, जिले में स्थित पर्यटन स्थलों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. बिहार का पहला सामुदायिक पक्षी अभ्यारण गोगा बिल झील पर भी पड़ कोई भी पर्यटक नहीं पहुंच रहे हैं. इससे नाविक और मछुआरों के सामने भी भुखमरी जैसी हालात उत्पन्न हो गई है.
बिहार के कटिहार में स्थित गोगा बिल पक्षी अभ्यारण जो मनिहारी और अहमदाबाद प्रखंड में करीब 220 एकड़ में फैला हुआ है. यहां पर विदेशों से पक्षियां पहुंचती हैं, जिसे देखने के लिए यहां पर सैलानियों के भी भारी भीड़ रहती है और दूसरे राज्यों से लोग यहां घूमने आते हैं. लेकिन देश में कोरोना महामारी के चलते लगे लॉक डाउन के वजह से सैलानियों का आना बिल्कुल बंद हो गया है. इससे यहां पर सैलानियों को नाव से झील का भ्रमण कराने वाले नाविक और मछुआरों के सामने भुखमरी जैसी हालात उत्पन्न हो गई है.
'परिवार चलाना मुश्किल हो गया है'
नाविक अनुप लाल सिंह ने बताया कि गोगा बिल झील में विदेशों से पक्षियां दाना चुगने के लिए आती हैं. उसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग भी घूमने आते हैं. लेकिन लाॅक डाउन के कारण अभी सब कुछ बंद हो गया है. हम लोगों के सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है. लॉक डाउन से पहले लोग यहां घूमने आते थे और नाव पर चढ़कर पूरे झील का भ्रमण करते थे. लेकिन अभी सब कुछ बंद हो जाने से कमाई पूरी तरह बंद हो गया है. जिस कारण अब परिवार चलाना मुश्किल हो गया है.
विदेश से यहां पहुंचते हैं पक्षी
बता दें कि गोगा बिल झील में प्रत्येक वर्ष देश विदेश से कई प्रजाति के पक्षी यहां पहुंचते हैं. अपने प्रवास के दौरान कई लोगों को रोजगार भी मिल जाता है. इन पक्षियों को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां भ्रमण करने पहुंचते हैं. ये पिकनिक स्पॉट के रूप में अपने परिवार के साथ लोग नाव के जरिए झील का मजा उठाते हैं. इस दौरान झील में नाव चलाने वालों को रोजगार मिलता है. लेकिन इस लॉक डाउन ने इनकी भी स्थिति को दयनीय कर दिया है.