कटिहार: जिले के छिंटाबाड़ी के पास नहर किनारे बसे विस्थापितों का हाल बेहाल है. लगभग बीस साल पहले बाढ़ के कारण विस्थापित हुए हजारों लोग अबतक सराकरी मदद की राह देख रहे हैं. इन बीस सालों में सिर्फ उनके लिए वोटर आईडी कार्ड बनाए गए हैं, जिससे चुनाव में इनके वोट का इस्तेमाल किया जा सके.
20 सालों से विस्थापन का दर्द झेल रहे लोगों को नहीं मिला सरकारी योजनाओं का लाभ
कटिहार के छिंटाबाड़ी के पास नहर किनारे बसे विस्थापितों का हाल बेहाल है. लगभग बीस साल बाद भी उन्हें किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सका है.
नहीं मिला सरकार की किसी भी योजना का लाभ
स्थानीय लोगों का कहना है कि सभी नेता सिर्फ वोट के लिए ही आते है. चुनाव के वक्त हजारों वादे कर वोट लेकर जाते हैं. हकीकत में ऐसा कुछ नहीं होता. पिछले बीस सालों से यहां विस्थापन का दर्द झेल रहे है. सरकार की किसी भी योजना का लाभ हमें नहीं मिलता है. पीड़ितों की सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द उन्हे तमाम सुविधाएं मुहैया कराए.
स्थानीय जनप्रतिनिधि सिर्फ इनके वोटो का करते हैं इस्तेमाल
वहीं स्थानीय राजद नेता ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 15 सालों में ना तो नीतीश कुमार की सरकार ने और ना ही उनके स्थानीय विधायक ने इन विस्थापितों के लिए कोई काम किया. स्थानीय जनप्रतिनिधि सिर्फ इनके वोटो का उपयोग करते हैं लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करते.