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समान काम समान वेतन को लेकर सड़क पर उतरे शिक्षक, कहा- विरोध की जवाबदेही सिर्फ सरकार की है - teachers indefinite strike

राज्य में नियोजित शिक्षक बीते 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. सभी विद्यालयों में पूर्ण तालाबन्दी है. बच्चों का पठन-पाठन पूरी तरह से ठप है. ऐसे में शिक्षकों का कहना है कि इसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार की है.

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शिक्षकों की हड़ताल

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Published : Mar 5, 2020, 5:34 PM IST

कटिहार: जिले में समान काम समान वेतन को लेकर नियोजक शिक्षकों की हड़ताल जारी है. वे लगातार इसको लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. शिक्षकों की मांग है कि उन्हें राज्यकर्मियों का दर्जा मिले. गुरुवार को भी सड़कों पर नियोजित शिक्षकों का जनसैलाब उमड़ा. जहां हजारों की तादाद में शिक्षक शहर के राजेन्द्र स्टेडियम से निकलकर समाहरणालय पहुंचे.

सीएम को भेजा मांग पत्र

समाहरणालय पहुंचकर शिक्षकों ने डीएम के जरिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना मांग पत्र भेजा. वहीं, जुलूस के दौरान शिक्षक हाथों में तख्तियां ले और सिर पर पीले रंग की टोपी पहने दिखें. जिसमें उनकी मांगों का जिक्र था. मौके पर शिक्षिका सुनीता कुमारी ने बताया कि राज्य में नियोजित शिक्षक बीते 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. सभी विद्यालयों में पूर्ण तालाबन्दी है. बच्चों का पठन-पाठन पूरी तरह से ठप है. ऐसे में इसकी सारी जवाबदेही राज्य सरकार की है.

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'शिक्षकों को मिले राज्यकर्मी का दर्जा'

विरोध कर रही शिक्षिका पूजा कुमारी ने बताया कि उनका प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती. वहीं, शिक्षक परमेश्वर ने कहा कि उनकी मांग वेतन में वृद्धि को लेकर नहीं है, बल्कि शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिलाने को लेकर है. गौरतलब है कि बिहार में नियोजित शिक्षकों की हड़ताल की वजह से शिक्षा विभाग वेंटिलेटर पर है. अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इन शिक्षकों के प्रति क्या रवैया अपनाती है.

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