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सराहनीय: रेलवे सुरक्षा बल ने 7 महीने में 79 बच्चों को मानव तस्करों से कराया आजाद

सीनियर डीसीएम विवेकानंद द्विवेदी ने बताया कि इस ऑपरेशन में कूल 77 मासूमों को मानव तस्कर से और दो मासूमों को किडनैप होने से बचाया गया है. वहीं. एक किडनैपर को गिरफ्तार भी किया गया है.

रेलवे सुरक्षा बल

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Published : Sep 1, 2019, 3:32 PM IST

कटिहार: जिले के रेलवे सुरक्षा बल ने 7 महीने में 77 मासूमों को मानव तस्करों से मुक्त कराया है. साथ ही दो मासूमों को अपहरण के चंगुल से आजाद कर एक अपहरणकर्ता को गिरफ्तार भी किया है. कटिहार आरपीएफ ने बच्चों को मानव तस्करों से बचाने के लिए सभी स्टेशनों पर एक ऑपरेशन शुरू किया था. जिसमें आरपीएफ को बहुत बड़ी सफलता हाथ लगी है.

कटिहार रेलवे जंक्शन

तस्करों की मासूमों पर रहती है नजर
कटिहार रेलवे जंक्शन जहां दिनभर ट्रेनों के आने जाने का सिलसिला लगा रहता है. लोगों की आवाजाही के बीच कुछ ऐसे लोग भी छिपे होते हैं, जिनकी नजर छोटे-छोटे मासूमों पर रहती है. जिसका मौका पाकर मानव तस्कर मासूमों को बहला-फुसलाकर ले जाते है. जहां से लौटना बच्चों के लिए नामुमकिन होता है. इसी बात को ध्यान में रखकर कटिहार रेल मंडल के रेलवे सुरक्षा बल ने बीते जनवरी से लेकर जुलाई तक विभिन्न स्थानों पर कई ऑपरेशन किए और उसमें 77 मासूमों को बचाया.

विवेकानंद द्विवेदी, रेल मंडल, सीनियर डीसीएम

आरपीएफ ने 79 बच्चों को दी जिदंगी
इस ऑपरेशन में दो मासूम ऐसे भी है. जिनको बदमाशों ने घर से अगवा किया था और अपहरण कर बड़े शहरों में ले गए थे. लेकिन आरपीएफ को सूचना मिलते ही ऑपरेशन शुरू किया गया और उसमें 79 बच्चों को बचाया गया. कटिहार रेल मंडल के सीनियर डीसीएम विवेकानंद द्विवेदी ने बताया कि इस ऑपरेशन में कूल 77 मासूमों को मानव तस्कर से और दो मासूमों को किडनैप होने से बचाया गया है. वहीं, एक किडनैपर को गिरफ्तार भी किया गया है.

रेलवे सुरक्षा बल ने 7 महीने में 77 मासूमों को मानव तस्करों से कराया मुक्त

गरीबी और भुखमरी के चलते मासूमों का शोषण
सीमांचल का इलाका मानव तस्करों के लिए मुफीद जगह माना जाता है. क्योंकि हर साल इलाके में आने वाली बाढ़ और कटाव की समस्या ने जिंदगियों को झकझोरा कर रख दिया है. जिसके चलते गरीबी और भुखमरी पैदा हो गई है. उसी गरीबी और भुखमरी के बीच मानव तस्करों की गिद्ध सी नजर रहती है. जिसका फायदा उठाकर मानव तस्कर मासूमों को बहला-फुसलाकर महानगरों की दुनिया में ले जाते है. जहां उनका शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण किया जाता है.

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